Indian Army: भारतीय सेना की ताकत इतनी है कि दुश्मन नाम सुनते ही कंपकंपा उठी. वहीं हर दिन भारत अपनी सेना की ताकत बढ़ाने का प्रयास करता रहता है. एक बार फिर भारतीय सेना को दुश्मन को मात देने के लिए एक नया उपकरण मिल गया है. जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल, भारत ने आकाश में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से विकसित सैन्य लड़ाकू पैराशूट प्रणाली का सफल परीक्षण किया है. यह परीक्षण 32,000 फीट या लगभग 10 किलोमीटर की ऊँचाई पर किया गया, जहां हवा पतली होती है और तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे तक गिर सकता है.
पाक-चीन को भारतीय सेना का अल्टीमेटम
इन मुश्किल हालातों में भी, भारत का पैराशूट सिस्टम पूरी तरह सफल रहा. यह सिर्फ़ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की सामरिक क्षमता का प्रदर्शन है. यह दर्शाता है कि अगर चीन या पाकिस्तान कभी सीमा पर हमें आंख दिखाता है, तो भारत के पैराट्रूपर्स 32,000 फीट की ऊंचाई से उतरकर जवाब देने के लिए तैयार हैं.
ऐसे हुआ परीक्षण
डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने इस काम को सफल बनाने के लिए सालों तक हद से ज्यादा मेहनत की है. वहीं अब ये मेहनत सफल साबित हुई है. इसका परीक्षण भारतीय वायु सेना के टेस्ट जंपर्स (विशेष रूप से प्रशिक्षित पैराट्रूपर्स) द्वारा किया गया. उन्होंने 32,000 फीट कीऊंचाई से छलांग लगाई और इस स्वदेशी पैराशूट प्रणाली ने उन्हें सुरक्षित, नियंत्रित और सटीक रूप से उतारा. रक्षा मंत्रालय की माने तो यह भारत की पहली पैराशूट प्रणाली है जिसका 25,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर सफलतापूर्वक उपयोग किया जा सकता है. वहीं अब तक, भारतीय सैनिक ऐसे उच्च-ऊंचाई वाले अभियानों के लिए विदेशी पैराशूट प्रणालियों पर निर्भर थे, लेकिन अब भारत पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो गया है.
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