Etawah Katha Vachak Case: उत्तर प्रदेश के इटावा में यादव कथावाचकों के साथ बदसलूकी का मामला हर दिन गरमाता जा रहा है। ये मामला यूपी ही नहीं बल्कि देश की राजनीति में भी गरमाया हुआ है। अब इटावा कथावाचक घटना पर एबीपी न्यूज से बातचीत में निषाद पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है।
इटावा कथावाचक विवाद पर योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद ने कहा, मैं इसकी निंदा करता हूं और यह ठीक नहीं है। सबको जीने का अधिकार है, मेरे यहां निषाद संस्कृत को बढ़ावा देते हैं, निषाद पंडित हैं। यह जांच का विषय है और जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर ऐसा ही चलता रहा तो पिछड़े अलग हो जाएंगे, दलित अलग हो जाएंगे और सवर्ण अलग हो जाएंगे। संविधान एक करने के लिए बनाया गया था।
कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि हम कहेंगे कि जब संविधान बन रहा था तो ऊंची जाति के लोगों ने कहा था कि हम होशियार हैं, कमाएंगे और टैक्स देंगे और सरकार के टैक्स से अशिक्षितों के बच्चों को हमारे लिए आरक्षित किया जाना चाहिए। बड़े लोगों की सहमति से आरक्षण नीति बनी थी।
क्या है इटावा कथावाचक मामला?
बता दें कि इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र के दादरपुर गांव में कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके साथी संत सिंह यादव और श्याम कठेरिया के साथ मारपीट की गई और उनकी चोटी भी काट दी गई। साथ ही एक महिला के पैरों पर नाक रगड़ने का भी आरोप है। 23 जून को वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस ने चार आरोपियों आशीष तिवारी, उत्तम अवस्थी, निक्की अवस्थी, प्रथम दुबे को गिरफ्तार कर करीब 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। कथावाचकों के खिलाफ फर्जी आधार कार्ड और धोखाधड़ी का केस दर्ज होने की खबर है।

