Asaduddin Owaisi On 3 New Bills: आज, बुधवार (20 अगस्त 2025) को केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने संसद में तीन नए विधेयक पेश किए। इन तीनों विधेयकों को लेकर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इनका विरोध किया। हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने नए विधेयकों को जल्लाद बनने का खुला लाइसेंस करार दिया।
भड़कते हुए ओवैसी ने लोकसभा में कहा कि यह शक्तियों के बंटवारे के सिद्धांत का उल्लंघन करता है और सरकार चुनने के अधिकार को कमजोर करता है। यह कार्यकारी एजेंसियों को परेशान करने वाले आरोपों और संदेह के आधार पर न्यायाधीश और जल्लाद बनने की खुली छूट देता है।
लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करने वाला कदम – ओवैसी
ओवैसी ने आगे कहा, “यह सरकार पुलिस राज बनाने पर तुली हुई है। यह चुनी हुई सरकार के लिए मौत की घंटी होगी। इस देश को पुलिस राज में बदलने के लिए भारत के संविधान में संशोधन किया जा रहा है।” एआईएमआईएम प्रमुख के अनुसार, यह कदम चुनी हुई सरकारों पर सीधा हमला है और लोकतंत्र की जड़ों को कमज़ोर करने वाला है।
ओवैसी ने चेतावनी दी कि अगर ये विधेयक लागू हुए, तो यह भारत के लोकतंत्र के लिए ‘मौत की घंटी’ साबित होगा। एआईएमआईएम प्रमुख ने इसे संविधान से छेड़छाड़ करके जनता की आवाज़ दबाने की कोशिश बताया है।
130वां संविधान संशोधन विधेयक पर एक नजर
बता दें कि सरकार द्वारा सदन में पेश किए गए तीन विधेयकों में से 130वें संशोधन विधेयक पर जमकर हंगामा हो रहा है। विपक्ष भी इसे लेकर हमलावर है। इस विधेयक के अनुसार, चाहे वह राज्य का मुख्यमंत्री हो या देश का प्रधानमंत्री, अगर उसके खिलाफ कोई गंभीर आपराधिक आरोप है और वह लगातार 30 दिनों तक जेल में रहता है, तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना होगा। विधेयक पेश करते हुए अमित शाह ने कहा कि सरकार इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने का प्रस्ताव रखती है।

