Jagdeep Dhankhar Resignation: जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस संबंध में राष्ट्रपति को एक पत्र भी भेजा है। उनका इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है। आज सत्र का पहला दिन था। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं। अब उनके इस्तीफे के बाद, आइए जानते हैं कि देश में उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रक्रिया क्या है।
- लोकसभा और राज्यसभा के सांसद उपराष्ट्रपति के चुनाव में मतदान करते हैं।
- संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी इसमें भाग लेते हैं।
योग्यता
- भारत का नागरिक होना आवश्यक है
- न्यूनतम आयु 35 वर्ष होनी चाहिए
- राज्यसभा सदस्य चुने जाने के लिए योग्य होना आवश्यक है
- उम्मीदवार को ₹15,000 की जमानत राशि जमा करनी होगी
- यदि 1/6 मत नहीं प्राप्त होते हैं, तो जमानत राशि जब्त कर ली जाती है
मतदाता
- कुल मतदाता: लोकसभा के 543 सदस्य + राज्यसभा के 245 सदस्य = 788 सांसद
- राज्यसभा के 245 सदस्यों में 12 मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं।
क्या है चुनाव प्रक्रिया?
- यह चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के माध्यम से होता है।
- एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के आधार पर मतदान प्रणाली अपनाई जाती है।
- प्रत्येक सांसद एक मत डालता है। हालाँकि, उम्मीदवारों को वरीयता क्रम में 1, 2, 3… क्रमांकित किया जाता है। (मान लीजिए कि तीन उम्मीदवार A, B और C हैं, तो मतदाता मतपत्र पर A के विरुद्ध 1, B के विरुद्ध 2 और C के विरुद्ध 3 लिख सकता है।)
इस प्रकार, उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार संसद के दोनों सदनों के सदस्यों वाले एक निर्वाचक मंडल द्वारा एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाता है। ऐसे चुनाव में मतदान गुप्त होता है। उपराष्ट्रपति पद के लिए किसी व्यक्ति का चुनाव करने वाले निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य शामिल होते हैं।
किसी भी सदन का सदस्य नहीं होते उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन या किसी राज्य के विधानमंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं होता है। यदि संसद के किसी भी सदन या किसी राज्य के विधानमंडल के किसी सदन का कोई सदस्य उपराष्ट्रपति निर्वाचित होता है, तो यह माना जाएगा कि उसने उपराष्ट्रपति के रूप में अपना पद ग्रहण करने की तिथि से उस सदन में अपना स्थान रिक्त कर दिया है।

