Himachal Cloudburst:इस बार मानसून के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में तबाही भी आई है। मानसून के साथ-साथ प्रकृति ने भी राज्य पर कहर बरपाया है। भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन ने राज्य में भारी तबाही मचाई है। हिमाचल प्रदेश में मानसून 20 जून को पहुंचा था। उसके बाद भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन के कारण राज्य को करीब 407.02 करोड़ रुपये का प्रशासनिक नुकसान हुआ है।
इतने लोगों की हुई मौत
हिमाचल में इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पांच घायल हैं। वहीं, बादल फटने की अलग-अलग घटनाओं में 34 लोग लापता बताए जा रहे हैं। भूस्खलन के कारण राज्य में करीब 245 सड़कें अवरुद्ध या प्रभावित हैं। 918 बिजली ट्रांसफार्मर और 683 जलापूर्ति योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने किया हवाई सर्वेक्षण
अब तक प्रशासन ने 370 लोगों को बचाया है बादल फटने की घटनाओं में जिन लोगों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं या जिन तक पहुंचना संभव नहीं था। अब तक प्रशासन ने ऐसे करीब 370 लोगों को बचाया है। बुधवार को राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने मंडी जिले के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद उन्होंने बचाव और आपदा राहत के लिए वायुसेना की मदद मांगी।
राहत और बचाव कार्य जारी
राज्य के कई इलाकों में एनडीआरएफ-एसडीआरएफ और प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य कर रही हैं। वहीं, अगले 24 घंटों के दौरान शिमला, कुल्लू, चंबा, मंडी और कांगड़ा जिलों में फ्लैश फ्लड की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है। इतना ही नहीं, आज और कल राज्य में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। इतना ही नहीं, 8 जुलाई तक राज्य में भारी बारिश की भी संभावना है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

