Mansa Devi stampede: हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में रविवार(27 जुलाई) सुबह भगदड़ मच गई। इस हादसे में कम से कम 6 लोगों को जान गंवाना पड़ा है। वहीं, 25-30 लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों के अनुसार, मंदिर के पास कुछ लोगों ने यह अफवाह फैला दी कि तार में करंट आ रहा है। इसी वजह से भगदड़ मच गई। मंदिर में काफी भीड़ थी और पैर रखने की भी जगह नहीं थी। ऐसे में लोग एक-दूसरे के ऊपर से गुजर गए। इस वजह से छह लोगों की मौत हो गई।
यह पहली बार नहीं है जब किसी मंदिर या धार्मिक आयोजन में भगदड़ मची हो। पिछले पाँच सालों में धार्मिक स्थलों पर भगदड़ की 10 बड़ी घटनाएँ हो चुकी हैं, जिनमें 200 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
पिछले पाँच सालों में मंदिर में हुए हादसे
1 जनवरी 2022
नए साल के मौके पर माता वैष्णो देवी मंदिर में भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। संकरे प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ के कारण यह हादसा हुआ। 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से ज़्यादा घायल हो गए।
20 अगस्त 2022
उत्तर प्रदेश के वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी उत्सव के दौरान मंदिर में भारी भीड़ के कारण भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई और सात घायल हो गए।
31 मार्च 2023
मध्य प्रदेश के इंदौर में रामनवमी के अवसर पर एक मंदिर में हवन के दौरान प्राचीन बावड़ी (कुएँ) के ऊपर बनी स्लैब गिर गई, जिससे भगदड़ मच गई। इस दुर्घटना में 36 लोगों की मौत हो गई।
24 दिसंबर 2023
उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित बांके बिहारी मंदिर में अत्यधिक भीड़ के कारण दम घुटने से भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस घटना में 2 महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई।
17 मार्च 2024
मथुरा के श्रीजी मंदिर में होली से पहले एक धार्मिक आयोजन के दौरान भगदड़ मच गई। भगदड़ में कम से कम 6 श्रद्धालु बेहोश हो गए। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई।
25 मार्च 2024
केरल के कोल्लम स्थित कोट्टनकुलंगरा मंदिर में आयोजित एक धार्मिक समारोह के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें एक पाँच साल की बच्ची की मौत हो गई।
2 जुलाई 2024
उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्वयंभू संत भोले बाबा (नारायण साकार हरि) के सत्संग में भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। आयोजकों के पास 5,000 लोगों के लिए अनुमति थी, लेकिन 15,000 से ज़्यादा लोग इकट्ठा हो गए। गर्मी और उमस के कारण लोग बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे, जिससे भगदड़ मच गई। 121 लोगों की मौत हो गई। इनमें ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। सैकड़ों लोग घायल हुए।
12 अगस्त 2024
बिहार के बनवार पहाड़ी स्थित बाबा सिद्धनाथ मंदिर में सावन के चौथे सोमवार को पूजा के दौरान भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई और 10 घायल हो गए।
29 जनवरी 2025
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कुंभ मेले के दौरान भगदड़ मच गई। मौनी अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम क्षेत्र में पवित्र स्नान के लिए एकत्रित हुए थे, जिसके कारण भगदड़ मच गई। भीड़ प्रबंधन और वीआईपी प्रोटोकॉल की कमी के कारण स्थिति और बिगड़ गई। इस हादसे में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 घायल हो गए।
29 जून 2025
ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान नंदीघोष रथ के पास भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई और 50 से ज़्यादा लोग घायल हो गए।

