Rekha Gupta Attack: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान एक शख्स ने हमला कर दिया था। अब उनकी पहली तस्वीर सामने आई है। दिल्ली के सभी 7 भाजपा सांसदों ने रेखा गुप्ता से मुलाकात की, इसके बाद भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, आज दिल्ली के अपने सभी साथी सांसदों के साथ, मैंने हमारी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम पूछा। मुख्यमंत्री जी पूरी तरह स्वस्थ हैं और हमेशा की तरह, दिल्लीवासियों की सेवा में तत्पर हैं।
कल जनसुनवाई के दौरान रेखा गुप्ता पर हुआ था हमला
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, गुजरात के सकारिया राजेशभाई खिमजीभाई ने जन सुनवाई कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर मुख्यमंत्री के बाल खींचे और उन पर हमला किया। हालांकि, आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में, उसके खिलाफ हत्या के प्रयास सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। अधिकारियों ने बताया कि संशोधित सुरक्षा प्रोटोकॉल तुरंत लागू किया जाएगा और यह मुख्यमंत्री कार्यालय में होने वाली भविष्य की सभी जनसुनवाई पर लागू होगा।
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जन सुनवाई के दौरान रहेगी कड़ी सुरक्षा
रेखा गुप्ता पर हमला करने के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस सूत्रों ने बताया, ‘जन सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ताओं को सीधे मुख्यमंत्री से संपर्क करने की अनुमति नहीं होगी। मुख्यमंत्री गुप्ता के समक्ष रखी गई प्रत्येक शिकायत की पहले जांच की जाएगी।’ यह सुनिश्चित करने के लिए एक निश्चित परिधि भी बनाई जाएगी कि आगंतुक उनके करीब न आ सकें।
रेखा गुप्ता से मुलाकात के बाद बांसुरी स्वराज ने क्या कहा?
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात के बाद, भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा, ‘दिल्ली के सभी 7 सांसद दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का हालचाल जानने उनके आवास पर गए। मैं दिल्ली की जनता को आश्वस्त करती हूं कि चिंता की कोई बात नहीं है। रेखा गुप्ता बहादुर हैं और उनका मनोबल अभी भी ऊंचा है। वह हमेशा की तरह सभी से मिलती रहेंगी… आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा…’
हालांकि, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के आवास के बाहर अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी गई है। सिविल लाइंस स्थित उनके कार्यालय में ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम के दौरान उन पर हुए हमले के बाद उनकी सुरक्षा में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। पुलिस ने बताया कि यह निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों और मुख्यमंत्री और जनता के बीच बातचीत के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल को और मज़बूत किया जाए।

