Life certificate submission 2025: जीवन प्रमाण पत्र एक आधिकारिक (Life certificate submission 2025) दस्तावेज है जो पेंशनभोगी के जीवित होने की पुष्टि करता है. इसके बिना, पेंशन वितरण एजेंसी द्वारा पेंशन भुगतान स्वतः ही रोक दिया जाता है. यह धोखाधड़ी वाले दावों को रोकने और यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि पेंशन सही लाभार्थियों तक पहुंचे.
क्यो है ये जरुरी?
डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी), जिसे जीवन प्रमाण भी कहा जाता है, पारंपरिक कागज़ प्रमाण पत्र का एक बायोमेट्रिक संस्करण है. भारत सरकार द्वारा शुरू की गई यह प्रणाली पेंशनभोगी की पहचान सत्यापित करने के लिए फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन का उपयोग करके आधार-आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग करती है. सत्यापन के बाद, एक डिजिटल प्रमाणपत्र स्वचालित रूप से तैयार हो जाता है और अधिकृत पेंशन वितरण एजेंसियों के साथ साझा किया जाता है. इससे बुजुर्ग पेंशनभोगियों को अपने पेंशन लाभों को बनाए रखने का एक सरल तरीका मिल जाता है. इस साल इस पत्र को जमा करने की अवधि 1 नवंबर से 30 नवंबर के बीच है.
कैसें बनाएं जीवन प्रमाण पत्र?
- सरकारी पोर्टल jeevanpramaan.gov.in खोलना होगा.
- ‘प्रमाणपत्र प्राप्त करें’ पर क्लिक करें.
- यह आपको पीसी या मोबाइल चुनने का विकल्प देगा.
- इस पर क्लिक करने के बाद, आप एप्लिकेशन डाउनलोड कर सकते हैं.
- यहां आपको जानकारी भरनी होगी.
- बायोमेट्रिक डेटा डालें.
- इसके बाद आपको डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बन जाएगा.
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कौन-कौन जमा नहीं कर सकते यह प्रमाण पत्र?
जिन पेंशनभोगियों ने पुनर्विवाह किया है या पुनर्नियोजित हैं, वे डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा नहीं कर सकते क्योंकि पेंशन प्राप्त करने की उनकी पात्रता, या महंगाई राहत की राशि, जिसके वे हकदार हैं, उनकी नई स्थिति से प्रभावित हो सकती है. यह प्रणाली “पुनर्नियोजन नहीं” और “पुनर्विवाह नहीं” की डिफॉल्ट धारणा के साथ डिजाइन की गई है, इसलिए उन्हें आवश्यकता पड़ने पर अन्य दस्तावेजों के साथ मैन्युअल रूप से जीवन प्रमाणपत्र जमा करना होगा.

