Delhi Varanasi High Speed Rail project: दिल्ली और नोएडा वालों के लिए बड़ी खुशकबरी है. दिल्ली से वाराणसी जाने वाली हाई-स्पीड ट्रेन (Bullet Train) को नोएडा एयरपोर्ट से जोड़ने का रास्ता साफ हो गया है. नोएडा एयरपोर्ट के ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (GTC) पर एक भूमिगत स्टेशन बनाने के लिए नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHRCL) और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) के बीच सैद्धांतिक सहमति बन गई है.
परियोजना रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा प्रस्ताव
यह प्रस्ताव अब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा. प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली से वाराणसी जाने वाली बुलेट ट्रेन के लिए गौतमबुद्ध नगर में दो स्टेशन बनाए जाएंगे. पहला स्टेशन, सराय काले खां से शुरू होकर, नोएडा सेक्टर 148 में होगा. दूसरा स्टेशन GTC पर भूमिगत बनाया जाएगा, जो सीधे जेवर में बन रहे एयरपोर्ट से जुड़ा होगा. बुलेट ट्रेन सराय काले खां से नोएडा एयरपोर्ट तक 70 किलोमीटर का सफर महज 21 मिनट में तय करेगी.
नोएडा एक्सप्रेसवे के ऊपर से एलिवेटेड होगा यह रेलवे ट्रैक
यह रेलवे ट्रैक नोएडा और ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के ऊपर से एलिवेटेड होगा, जो यमुना एक्सप्रेसवे के साथ एयरपोर्ट के GTC तक फैला होगा. एनआईएएल ने डेढ़ साल से भी ज़्यादा समय पहले यह प्रस्ताव पेश किया था और अब इस पर सहमति बन गई है. बुलेट ट्रेन दुनिया भर से नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आने वाले यात्रियों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. नोएडा हवाई अड्डे से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआई) तक का सफ़र भी काफ़ी आसान हो जाएगा.
816 किलोमीटर की दूरी तय करेगा बुलेट ट्रेन
बुलेट ट्रेन दिल्ली के सराय काले खां से सेक्टर 148, नोएडा हवाई अड्डा जेवर, मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज होते हुए वाराणसी तक 816 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और वर्तमान में सड़क मार्ग से 10 घंटे से ज़्यादा का समय लेती है. इससे राज्य के प्रमुख तीर्थस्थलों, जैसे अयोध्या राम मंदिर, मथुरा वृंदावन और काशी विश्वनाथ, ताजमहल और अन्य पर्यटन स्थलों की यात्रा आसान हो जाएगी.
AI के ज़रिए वाहनों की निगरानी की जाएगी.
नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की पार्किंग में वाहनों की निगरानी AI के ज़रिए की जाएगी. सिक्योर पार्किंग सॉल्यूशंस को हवाई अड्डे पर पार्किंग प्रबंधन की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है. यह कंपनी हवाई अड्डे की संपूर्ण पार्किंग व्यवस्था का प्रबंधन करेगी और यात्रियों के लिए स्मार्ट और सुविधाजनक पार्किंग उपलब्ध कराएगी. नोएडा हवाई अड्डा दिल्ली-एनसीआर का दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है. दावा किया जा रहा है कि इसके संचालन से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दबाव कम होगा. पहले चरण में, हवाई अड्डा सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालेगा, जो अंतिम चरण में बढ़कर 7 करोड़ हो जाएगा. यात्रियों की सुविधा के लिए एक ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर स्थापित किया गया है.

