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Delhi Blast मामले में Al Falah University में ED का तगड़ा एक्शन, इन जगहों पर चल रही रेड

Al Falah University Raid: दिल्ली ब्लास्ट को लेकर जांच एंजेसी को अल फलाह यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े लोगों के 25 ठिकानों पर छापेमारी की है, साथ ही आंतकी उमर का ब्लास्ट के पहले का वीडियो सामने आया है.

By: Shristi S | Published: November 18, 2025 9:28:21 AM IST



Delhi Blast: दिल्ली में 10 नंवबर को लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट में धीरे-धीरे सारी परते खुलती नजर आ रही है, इसी कड़ी में जांच एजेंसियों मंगलवार सुबह अल- फलाह यूनिवर्सिटी (Al Falah University) और उससे जुड़े लोगों के 25 ठिकानों पर छापेमारी की है. इसी बीच ब्लास्ट के मुख्य आतंकी डॉ उमर के वीडियो ने सनसनी मचा दी है. दरअसल उमर इसमें सुसाइड बॉम्बिंग की पैरवी कर रहा है. आइए विस्तार से जानें पूरी बात. 

इन लोगों पर भी होगी छापेमारी

जानकारी के मुताबिक, एजेंसी ने यूनिवर्सिटी में फाइनेंशियल गड़बड़ियों को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया है. जांच में पता चला कि लाल किला ब्लास्ट का आरोपी डॉ. उमर उन नबी और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के दूसरे आरोपी यूनिवर्सिटी में काम करते थे. छापे यूनिवर्सिटी के ऑपरेशन और फाइनेंस से जुड़े लोगों पर भी पड़ रहे हैं. ED इस बात की जांच कर रही है कि क्या यूनिवर्सिटी से जुड़े अकाउंट और इंस्टीट्यूशन का इस्तेमाल संदिग्ध ट्रांजैक्शन के लिए या टेररिस्ट मॉड्यूल को फाइनेंशियल मदद देने के लिए किया गया था.

इन जगहों पर चल रही रेड

जानकारी के मुताबिक, अल फलाह यूनिवर्सिटी के ओखला ऑफिस में सुबह 6:00 बजे से ED की रेड चल रही है लगभग पांच गाड़ी से आए हुए हैं और यहां पर दिल्ली पुलिस पारा मिलिट्री फोर्स सभी हैं.  अलफलाह के जवाद सिद्दीकी के तीन जगह रेड चल रही है जिसमें ओखला ऑफिस, शाहीन बाग और ओखला हेड शामिल हैं.

आतंकी ने वीडियो में क्या कहा?

वहीं दूसरी ओर आतंकी उमर का एक वीडियो सामने आया है जो उसने दिल्ली धमाके से पहले बनाया था. जांच टीम ने कहा कि वह लंबे समय से इस हमले की तैयारी में था. इस वीडियो में आतंकी बोल रहा है कि सबसे बड़ी गलती यह है कि लोग यह नहीं समझते कि लाइबेरिया में हुए बम धमाके (या सुसाइड बॉम्बिंग का आइडिया भी) असल में क्या हैं. यह किसी भी तरह से डेमोक्रेटिक नहीं है और न ही किसी सभ्य समाज में मंज़ूर है. इसके खिलाफ़ कई विरोधाभास और कई तर्क हैं. लेकिन असलियत यह है कि ऐसी सोच या ऐसी स्थिति को किसी भी डेमोक्रेटिक और इंसानी सिस्टम में स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह जीवन, समाज और कानून के बुनियादी उसूलों के खिलाफ है.

‘व्हाइट-कॉलर’ टेररिस्ट मॉड्यूल की वजह से स्टूडेंट्स में डर का माहौल

अल फलाह यूनिवर्सिटी के एक कथित “व्हाइट-कॉलर” टेररिस्ट मॉड्यूल की जांच का फोकस बनने के बाद, कैंपस में काम करने वाले स्टूडेंट्स और स्टाफ में डर और अनिश्चितता का माहौल है.  एग्जाम सीजन की वजह से स्टूडेंट्स और स्टाफ कैंपस से बाहर नहीं जा पा रहे हैं, जबकि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन क्लास और हॉस्टल की व्यवस्था को नॉर्मल बनाए रखने की कोशिश कर रहा है. इसके बावजूद, कुछ स्टूडेंट्स चिंता की वजह से घर लौट गए हैं. एक MBBS स्टूडेंट ने कहा कि क्लास तो चल रही हैं, लेकिन माहौल टेंशन वाला है और ज़्यादातर एक्टिविटीज़ सिर्फ़ फॉर्मल हैं.

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