महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के लिए उठी आरक्षण की मांग
Maharashtra Reservation: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने महाराष्ट्र में मराठी लोगों को नौकरी में 80% आरक्षण देने वाले कानून बनाने की मांग की है जिसके लिए जल्द ही मोर्चा निकाला जाने वाला है। अब इस आरक्षण से जो उत्तर भारतीय पिछले दो तीन पीढ़ी या पिछले बीस पच्चीस साल से रह रहे है उन्हें भूमिपुत्र के तौर पर आरक्षण दिया जाए ऐसी मांग हो रही है। यह मांग धारावी के रहिवासी उत्तर भारतीय संजय गुप्ता ने की है। संजय गुप्ता ने आज इंडिया न्यूज से एक कार्यक्रम में बात की तब उन्होंने यह मांग रखी। उनके साथ और भी उत्तर भारतीय थे जिन्होंने इस मांग का समर्थन किया है। मुख्य तौर पर कार्यक्रम में महाराष्ट्रीयन भी थे जिन्होंने इस मांग को सपोर्ट किया।
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संजय गुप्ता ने किया राज ठाकरे की मांग का समर्थन
संजय गुप्ता ने कहा , राज ठाकरे ने मराठी लोगों के लिए 80% आरक्षण की मांग की है जिसका मैं उसका समर्थन करता हूँ। उनकी मांग सही है लेकिन यह 80% मराठी कौन हैं? यहाँ के मराठी ही केवल मराठी नहीं है बल्कि दक्षिण भारतीय , उत्तर भारतीय लोग भी अब मराठी हैं।
ये लोग पिछले बीस पच्चीस साल से मुंबई में रह रहे हैं जिनकी यह तीसरी पीढ़ी है। वह यहां पढ़े लिखे है। मराठी बोलते है। उनके पास डोमिसाइल सर्टिफिकेट है। तो अब वह महाराष्ट्रीयन है।डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान में अधिकार दिया है जिससे हम यहां आ बसे तो उनको भी आरक्षण देना होगा, ऐसा संजय गुप्ता का कहना है।
महाराष्ट्र के प्रगति में उत्तर भारतीयों का बहुत योगदान है। सब राज्य ऐसे करेंगे तो कोई किधर जाएगा नहीं। व्यक्ति जिस राज्य में जाएगा वहां की भाषा उसे सीखनी चाहिए। मराठी भाषा भी सीखनी होगी। यह कोई गलत नहीं। जो मारपीट करेगा उस पर कारवाई होनी चाहिए। जो मराठी आते हुए भी नहीं बोलेगा उस पर भी कारवाई होनी चाहिए, ऐसा भी संजय गुप्ता ने कहा।
उत्तर भारतीयों की मांग को महाराष्ट्र के लोगों का समर्थन
कृष्णा घोगीकर जो एक महाराष्ट्रीयन है, उन्होंने कहा मराठी व्यक्ति को 100% आरक्षण मिलना चाहिए। महाराष्ट्र में जो पैदा हुआ, शिक्षा ली , डोमिसाइल सर्टिफिकेट निकाला वह महाराष्ट्रीयन है। भले उसकी भाषा हिंदी हो लेकिन वह महाराष्ट्रीयन है। उनको भी आरक्षण मिलना चाहिए।
गीता यादव ने कहा , रोजगार के लिए अन्य राज्य छोड़कर यहां आए है। सब मिलकर अब महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र में अगर 80% आरक्षण देना है तो वह उत्तर भारतीयों को भी देना होगा।

