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Corruption in India: भारत के किन 10 विभागों में होता है सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार? NCIB ने जारी की List, जानकर हैरान रह जाएंगे

भ्रष्टाचार सिर्फ अधिकारी तक सीमित नहीं है, कई बार बिचौलियों और स्थानीय नेताओं की भूमिका के कारण रिश्वत की रकम 2 से 5 गुना तक बढ़ जाती है, जिसमें एक हिस्सा संबंधित अधिकारी को और बाकी हिस्सा बिचौलिए को जाता है।

Published by Ashish Rai

Most Corrupt Departments: आज भी देश के अलग-अलग सरकारी विभागों से भ्रष्टाचार की घटनाएँ सामने आती रहती हैं। जहाँ संबंधित विभाग के अधिकारी किसी भी काम के लिए रिश्वत के तौर पर मोटी रकम की माँग करते हैं। आम जनता भी किसी न किसी तरह से अधिकारियों की माँग पूरी करती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के 10 सबसे भ्रष्ट विभाग कौन से हैं? अगर नहीं, तो आइए अब जानते हैं। देश के भ्रष्ट विभागों की सूची जनता की शिकायतों, मीडिया रिपोर्टों, ट्रांसफ़रेंसी इंटरनेशनल और लोकपाल/लोकायुक्त जैसी संस्थाओं की रिपोर्टों पर आधारित है।

https://twitter.com/NCIBHQ/status/1946786526282838230?ref_src=twsrc%5Etfw

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1. पुलिस विभाग

(रिश्वतखोरी, फर्जी मुकदमे, एफआईआर दर्ज न करना, सड़क पर चेकिंग कर अवैध वसूली, न्याय के बदले पीड़ित से रिश्वत के रूप में पैसे मांगना, भूमि विवाद में पक्षपात जैसे गंभीर आरोप)

2. राजस्व विभाग

तहसील और भू-अभिलेखों में जमीन का फर्जी पंजीकरण, नामांतरण, जमीन की सत्यापित नकल/खतौनी और नामांतरण में रिश्वतखोरी)

3. नगर निगम/नगर पालिका

(भवन का नक्शा पास कराने, सफाई व्यवस्था, अवैध निर्माण की अनदेखी, रिश्वत लेकर अवैध निर्माण को बढ़ावा देने के आरोप)

4. ग्राम पंचायत/ब्लॉक स्तर

(प्रधानमंत्री आवास, शौचालय योजना, राशन कार्ड, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और ग्राम सभा के अन्य कार्यों में भारी अनियमितता के आरोप)

5. बिजली विभाग

(मीटर रीडिंग में हेराफेरी, फर्जी बिलिंग, कनेक्शन में देरी, कनेक्शन में खराबी होने पर बिना रिश्वत के लाइन की मरम्मत न करने के आरोप)

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6. सड़क परिवहन विभाग- आरटीओ

(बिना टेस्ट के ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना, वाहन पंजीकरण में रिश्वत लेना, फिटनेस प्रमाण पत्र प्रदान करना) अयोग्य वाहन

7. सरकारी अस्पताल/स्वास्थ्य विभाग

(दवा आपूर्ति में भ्रष्टाचार, डॉक्टर की अनुपस्थिति, ऑपरेशन के लिए मरीज को प्राइवेट अस्पताल भेजना, अनावश्यक महंगी दवाइयां लिखकर मेडिकल स्टोर से घूस लेना)

8. शिक्षा विभाग

 (शिक्षक भर्ती घोटाला, स्कूल में शिक्षकों की फर्जी उपस्थिति, निजी स्कूलों से मिलीभगत का मुख्य आरोप)

9. आवास एवं शहरी विकास विभाग

(निर्माण ठेकों, टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोप) 

10. कर विभाग- आयकर, जीएसटी

(छापे से बचने के लिए लेन-देन, फर्जी रिटर्न, व्यापारियों से अवैध वसूली) 

बिचौलियों की वजह से  रिश्वत में जबरदस्त बढ़ोतरी

गौरतलब है कि भ्रष्टाचार का स्तर राज्य और जिले के अनुसार अलग-अलग होता है। भ्रष्टाचार सिर्फ अधिकारी तक सीमित नहीं है, कई बार बिचौलियों और स्थानीय नेताओं की भूमिका के कारण रिश्वत की रकम 2 से 5 गुना तक बढ़ जाती है, जिसमें एक हिस्सा संबंधित अधिकारी को और बाकी हिस्सा बिचौलिए को जाता है।

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