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Onion Price Rise: प्याज की कीमतों को लेकर प्याज की माला पहने पहुंचे सांसद , नैफेड जैसी एजेंसियों की CBI जांच की मांग

Onion Price Rise: बेमौसम बारिश प्याज उत्पादक किसानों के लिए आफत की बारिश हो गई है और राज्य सरकार बेसूध है। ये आरोप महाराष्ट्र के सांसदों ने मंगलवार को संसद भवन के परिसर में लगाए।  "प्याज का माला" पहनकर "नीलेश लंके" और "भास्कर बगरे" ने संसद के मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया।

Published by Swarnim Suprakash

नई दिल्ली से मनोहर केसरी की रिपोर्ट ,

Onion Price Rise: बेमौसम बारिश प्याज उत्पादक किसानों के लिए आफत की बारिश हो गई है और राज्य सरकार बेसूध है। ये आरोप महाराष्ट्र के सांसदों ने मंगलवार को संसद भवन के परिसर में लगाए।  “प्याज का माला” पहनकर “नीलेश लंके” और “भास्कर बगरे” ने संसद के मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया।

इनका आरोप है कि 1 किलो प्याज की उत्पादन लागत 15 रुपए आती है, लेकिन, इससे कम लागत में बिक रहा है, 12 रुपए प्रति किलोग्राम से कम कीमत में भी मंडी में प्याज खरीदने को तैयार नहीं है। इस घाटे को झेल ना पाने की वजह से किसान आत्महत्या कर रहा है। सांसद नीलेश लंकेश ने मांग की है कि प्याज की कीमत 40 से 50 रुपए बढ़नी चाहिए, इससे किसान खुश हो जाएगा।

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बेमौसम बारिश से हो रही है किसानों को परेशानियां

सांसद बगरे ने कहा कि बेमौसमी बारिश की वजह से किसानों को भारी नुकसान हुआ है, किसानों को प्याज की लागत की कीमत भी नहीं मिल पा रही है, इसलिए, किसान आत्महत्या कर रहे हैं। इस बारे में पिछली बार संसद में हमने ये मुद्दा था कि किसानों को उचित लागत मिलनी चाहिए और सरकारी कीमत में प्याज को खरीदने वाली एजेंसी जैसी नेफेड के खिलाफ CBI की जांच होनी चाहिए। मार्केट में जब जाएंगे तो नैफेड किसानों से प्याज नहीं खरीद रहा है और ना ही स्टोरेज करने की सुविधाएं हैं तो इसकी CBI जांच होनी चाहिए।

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इतना ही नहीं, किसानों की भलाई को लेकर ये सांसद कांग्रेस की सांसद और CPP की चेयरपर्सन सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी और उन्होंने ने भी इनका समर्थन किया।

वैसे में नासिक देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है और साल 2024-25 में 2,90,136 हेक्टेयर में फसल की खेती की गई, जबकि, साल 2023-24 में 1,67,285 हेक्टेयर और  साल 2022-23 में 2,48,417 हेक्टेयर में प्याज की खेती की गई। साल 2019 से केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद निर्यात मजबूत रहा है और पर्याप्त राजस्व की कमाई हुई। 
साल 2018-19 में 21.83 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया, जिससे 3,468 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई। 2019-20 में 11.49 लाख टन निर्यात किया गया और राजस्व 2,320 करोड़ रुपये था। 2021-22 में यह 15.73 लाख टन और 3,432 करोड़ रुपये था और साल 2022-23 में 25.25 लाख टन प्याज का निर्यात किया और 4,522 करोड़ रुपये कमाए। 2023-24 के लिए यह आंकड़ा 17.17 लाख टन और 3,922 करोड़ रुपये था। 

इसके अलावा, प्री मानसून की वजह से हजारों एकड़ प्याज की फसल बर्बाद हो गई।

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