आज की दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है. खासकर Gen Z यानी 1995-2010 के बीच जन्मे युवा, जिनकी लाइफ तेज रफ्तार, सोशल मीडिया और लगातार प्रतियोगिता से भरी है. इसी कारण उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है और ADHD (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) जैसे लक्षण तेजी से दिखाई देने लगे हैं.
ADHD क्या है?
ADHD एक मानसिक स्वास्थय स्थिति है जिसमें व्यक्ति का ध्यान लंबे समय तक एक जगह केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है. इसके कारण वह आसानी से विचलित हो जाते है, हमेशा बेचैन रहते है और अपनी दिनचर्या में व्यवधान महसूस करता है. ADHD केवल बच्चों में नहीं, बल्कि Gen Z के युवाओं में भी बहुत सामान्य हो गया है.
Gen Z में ADHD क्यों बढ़ रहा है?
आज के युवा डिजिटल युग में बड़े हो रहे हैं. सोशल मीडिया, मोबाइल और लगातार नोटिफिकेशन उनकी ध्यान क्षमता को प्रभावित कर रहे हैं. पढ़ाई, करियर और व्यक्तिगत जीवन की दबाव भी मानसिक तनाव बढ़ा रही है. इसके साथ ही चिंता (Anxiety) और नींद की समस्याएं भी सामान्य हो रही हैं.डॉक्टरों के अनुसार, Gen Z में ADHD, चिंता और नींद की समस्याएं अक्सर एक साथ दिखाई देती हैं. ये तीनों मिलकर मानसिक थकान, तनाव और उत्पादकता में कमी का कारण बनते हैं.
Gen Z में ADHD के सामान्य लक्षण
1. ध्यान न लगना – लंबे समय तक पढ़ाई या काम में फोकस करना मुश्किल.
2. बेचैनी और अधीरता – किसी भी काम को बिना पूरा किए छोड़ देना.
3. भूलने की समस्या – छोटे-छोटे काम और जिम्मेदारियों को भूल जाना.
4. नींद की परेशानी – रात में सोने या चैन से सोने में कठिनाई.
5. चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग – छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा या उदासी.
ADHD और मानसिक स्वास्थ्य का प्रभाव
ADHD सिर्फ ध्यान की समस्या नहीं है. यह Gen Z के युवाओं की मानसिक स्थिति, सोशल लाइफ और पेशेवर जीवन पर भी असर डालता है. समय पर इलाज और समर्थन न मिलने पर यह चिंता, डिप्रेशन और सामाजिक अलगाव का कारण बन सकता है.

