काढ़ा एक ऐसा पारंपरिक पेय है, जिसे हमारे दादी-नानी बरसों से इस्तेमाल करती आ रही हैं. यह गले की सूजन कम करता है, खांसी और जुकाम से राहत देता है, और शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है.आज हम जानेंगे कि यह काढ़ा कैसे बनाएं, किन चीजों की जरूरत होगी और इसे पीने के क्या फायदे हैं. यह पूरी तरह से नेचुरल है और रोजमर्रा की रसोई में मौजूद चीज़ों से आसानी से बन सकता है.
काढ़ा तैयार करने के लिए आपको जिन चीज़ों की ज़रूरत होगी, वे बहुत ही आम हैं:
1 कप पानी
1 इंच अदरक का टुकड़ा (कूटा हुआ)
4-5 तुलसी की पत्तियां
½ चम्मच काली मिर्च
1 चम्मच शहद
½ चम्मच हल्दी
2-3 लौंग
1 टुकड़ा दालचीनी
इन सभी चीज़ों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं.
काढ़ा बनाने की विधि
एक पैन में एक कप पानी डालकर गर्म करें. अब इसमें अदरक, तुलसी की पत्तियाँ, लौंग, काली मिर्च, हल्दी और दालचीनी डाल दें. इस मिश्रण को मध्यम आंच पर 5-7 मिनट तक उबालें, जब तक पानी आधा न रह जाए. फिर गैस बंद कर दें और इसे छान लें. जब यह थोड़ा गुनगुना रह जाए, तब इसमें शहद मिलाकर पीएं.
काढ़े के फायदे
गले की खराश से राहत
अदरक और तुलसी में मौजूद प्राकृतिक तत्व गले की सूजन कम करते हैं. अगर आपका गला बार-बार बैठ जाता है या बोलने में दर्द होता है, तो यह काढ़ा बहुत आराम देता है.
खांसी और जुकाम में असरदार
काली मिर्च और लौंग शरीर की नाक और गले में जमा बलगम को ढीला करती हैं. इससे सांस लेने में आसानी होती है और खांसी जल्दी ठीक होती है.
रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
हल्दी और दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं. नियमित सेवन से आप मौसम के बदलने पर होने वाली सर्दी-खांसी से बच सकते हैं.

