Dengue Prevention Tips: डेंगू (Dengue) को अब सिर्फ बुखार या प्लेटलेट्स (Platelets) गिरने वाली बीमारी मानना भूल हो सकती है. डॉक्टरों की मानें तो ये वायरस अब लीवर को भी गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है. देशभर के अस्पतालों में ऐसे कई मरीज देखे जा रहे हैं, जिनमें डेंगू के साथ लीवर एंजाइम्स (AST, ALT) खतरनाक स्तर तक बढ़े मिले हैं.
विशेषज्ञ बताते हैं कि डेंगू वायरस शरीर की इम्यून सिस्टम को इतना एक्टिव कर देता है कि लीवर पर सूजन और डैमेज शुरू हो जाता है. कई मामलों में मरीजों में पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, जी मिचलाना, उल्टियां, आंखों और त्वचा का पीला पड़ना (जॉन्डिस) जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं. ये सभी संकेत लीवर इनवॉल्वमेंट के हैं.
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
• लगातार उल्टी आना या भूख न लगना
• पेट में दाहिने तरफ दर्द या सूजन
• आंखों या पेशाब का पीला पड़ना
• कमजोरी और थकान महसूस होना
• प्लेटलेट्स गिरने के साथ साथ जॉन्डिस दिखना
डॉक्टरों की सलाह
डॉक्टरों का कहना है कि जो लोग पहले से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या फैटी लीवर जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं. उनके लिए डेंगू और भी खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे मरीजों को खुद से पैरासिटामॉल या कोई भी पेनकिलर दवा नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि ये दवाएं लीवर पर और दबाव डालती हैं.
मेडिकल एक्सपर्ट्स की राय
मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार, डेंगू के तीसरे से सातवें दिन के बीच शरीर में असली खतरा बढ़ता है. इस ‘क्रिटिकल पीरियड’ में अगर लीवर प्रभावित हो जाए तो ब्लीडिंग या शॉक जैसी स्थिति बन सकती है. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि बुखार के शुरुआती दिनों में ही ब्लड टेस्ट कराएं. तरल पदार्थ अधिक लें और डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न खाएं. साथ ही मच्छरों की रोकथाम के लिए घर के आस-पास पानी जमा न होने दें.
Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.

