Disadvantages of Drinking Giloy Water: आजकल के लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक नुस्खों की ओर फिर से लौट रहे हैं और इसी में गिलोय का भी नाम आता है। आयुर्वेद में इसको अमृता या गुडुची के नास से भी जाना जाता है। गिलोय का पानी, जिसे गिलोय काढ़ा या जूस भी कहा जाता है, शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मददगार साबित होता है । लेकिन, क्या रोज़ाना गिलोय का पानी पीना सच में फायदेमंद है? या फिर इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं? आइए जानते है इसके फायदे, नुकसान और सेवन के सही तरीको के बारे में-
गिलोय पानी पीने के फायदे
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने मे मददगार
गिलोय को प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला माना जाता है। इसे रोज़ाना पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है।
पाचन तंत्र मज़बूत करता है
गिलोय का पानी कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं में बहुत फायदेमंद होता है। यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और पेट को हल्का रखता है।
रक्त शर्करा को नियंत्रित करने मे लाभकारी
गिलोय को मधुनाशिनी भी कहा जाता है क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है। यह मधुमेह रोगियों के लिए उपयोगी हो सकता है।
तनाव दूर करता है
गिलोय को मानसिक शांति देने वाला माना जाता है। यह तनाव कम करता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है।
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जानतें है गिलोय का पानी के नुकसान
- गिलोय का अधिक सेवन लिवर पर दबाव डाल सकता है। कुछ मामलों में, हेपेटोटॉक्सिसिटी यानी लिवर को नुकसान पहुँचने की शिकायत भी देखी गई है।
- रक्त शर्करा का स्तर बहुत कम हो सकता है। अगर मधुमेह के रोगी बिना डॉक्टर की सलाह के गिलोय का अधिक सेवन करते हैं, तो रक्त शर्करा खतरनाक स्तर तक गिर सकती है।
- रुमेटीइड गठिया, ल्यूपस या अन्य स्व-प्रतिरक्षी रोगों से पीड़ित लोगों को डॉक्टर की सलाह के बिना गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
पानी पीने का सही तरीका
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गिलोय का पानी बनाने का तरीका
- गिलोय के ताजे तने को काटकर पानी में उबालें। 10-15 मिनट बाद छानकर गुनगुना पानी पिएँ।
- कब पिएँ: सुबह खाली पेट गिलोय का पानी पीना सबसे प्रभावी माना जाता है।
- कितना सेवन करें: प्रतिदिन 30-50 मिलीलीटर से ज़्यादा न लें। ज़्यादा मात्रा हानिकारक हो सकती है।
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कब पीना होता है सही
- सुबह खाली पेट गिलोय का पानी पीना सबसे प्रभावी माना जाता है।
- कितना सेवन करें: प्रतिदिन 30-50 मिलीलीटर से ज़्यादा न लें। ज़्यादा मात्रा हानिकारक हो सकती है।
- किसे नहीं लेना चाहिए: गर्भवती महिलाओं, निम्न रक्तचाप वाले लोगों और स्व-प्रतिरक्षित रोगों से पीड़ित लोगों को डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए।

