Manisha Death Case: हरियाणा के भिवानी में मनीषा की मौत का मामला लगातार लंबा खिंचता जा रहा है और केस के CBI के पास होने के बाद भी अब तक इस पर्दे से राज़ नहीं उठ पाया है कि मनीषा मे आखिर आत्महत्या की थी या फिर किसी ने उसकी हत्या की थी. 40 दिनों से ज्यादा का समय बीत जाने पर भी फिलहाल, कोई ठोस नतीजा नहीं मिल पाया है.
कब सुर्खियों में आया था मामला:
यह मामला 11 अगस्त को मनीषा के लापता होने और 13 अगस्त को सिंघानी नहर के पास उसका शव मिलने के बाद देशभर में काफी सुर्खियों में आया था. शुरुआत में, भिवानी पुलिस द्वारा कराए गए पहले पोस्टमार्टम में उसकी मौत की वजह तेजधार हथियार से हत्या बताई गई थी.
लोगों का गुस्सा और CBI की जांच:
लेकिन, रोहतक पीजीआई में किए गए दूसरे पोस्टमार्टम ने पूरी थ्योरी बदल दी, जहां मामला हत्या से आत्महत्या की तरफ मुड़ गया था. इस विरोधाभासी खुलासे के बाद लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला था और मनीषा को न्याय दिलाने की मांग तेजी से उठने लगी थी. तो वहीं, दूसरी तरफ बढ़ते जन-आक्रोश के चलते यह मामला भिवानी पुलिस से लेकर CBI को सौंपा गया और आखिरकार 3 सितंबर से CBI अधिकारी मनीषा के मौत के पीछे की वजह से तलाशने में पूरी तरह से जुट गए.
क्या है CBI जांच की वर्तमान स्थिति:
मनीषा के पिता संजय ने इस घटना पर जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें दिवाली तक इस मामले के खुलासे की पूरी तरह से उम्मीद है. CBI की छह सदस्यीय टीम लगातार मामले के हर पहलू को खंगालने में जुटी हुई है. साथ ही उन्होंने आगे कहा कि प्ले स्कूल, कॉलेज प्रबंधन और चश्मदीद गवाहों से कई दौर की पूछताछ भी की है. उन्हें उम्मीद है कि CBI की कठोर कार्रवाई से उन्हें और उनकी बेटी को जल्द ही इंसाफ मिल सकेगा.
CBI अधिकारी कर रहे हैं गहन पड़ताल:
तो वहीं, सोमवार को भी CBI अधिकारी भिवानी के रेस्ट हाउस के बंद कमरे में तथ्यों की गहन पड़ताल में जुटे हुए थे. लेकिन, दिल्ली से किसी आईपीएस अधिकारी के आने की चर्चा थी, पर कोई नया अधिकारी नहीं आया. मनीषा के पिता ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से उन्हें CBI अधिकारियों से फोन पर कोई नई जानकारी नहीं मिल पाई है.
फिलहाल, ‘हत्या’ और ‘आत्महत्या’ की विरोधाभासी रिपोर्टों के बीच, CBI इस उलझी हुई गुत्थी को सुलझाने की कोशिश में पूरी तरह से जुटी हुई है.

