Abuse Survey: आज कल की युवा पीढ़ी ऐसी है जिसकी जुबान से अब कोई बात बिना गाली के नहीं निकलती।भारत में ‘गाली-गलोच’ अब आम हो गई है। युवा पीढ़ी अक्सर अपने दोस्तों से बातचीत करते हुए भी गालियों का इस्तेमाल करते हैं।अक्सर लोग बिना सोचे-समझे इनसे जुड़े माँ, बहन और परिवार जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर गालियां देते हैं और इसे स्वेग का एक हिस्सा समझते हैं।अब इसी आदत पर रोशनी डालने के लिए महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय और सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन ने 11 साल तक एक सर्वेक्षण किया है। जिसमे बताया गया है कि भारत में किस राज्य में कितनी गलियां दी जाती हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें, इस सर्वेक्षण का उद्देश्य समाज को गालियों से दूर रखना और घर-परिवार में क्रोएशियाई भाषा के प्रति मनोबल बढ़ाना था।
ऐसे किया गया सर्वेक्षण
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस रिसर्च में लगभग 70,000 लोगों का डाटा लिया गया। जिनमे छात्र, अभिभावक, शिक्षक, पुलिसकर्मी और अलग-अलग व्यवसायों से जुड़े लोग शामिल थे। खास बात यह है कि सिर्फ़ लड़के ही नहीं, बल्कि लड़कियाँ भी गाली-गलोच का खूब इस्तेमाल करती हैं। वहीं नतीजों से सामने आया कि लगभग 30% लड़कियाँ लड़कों की तुलना में ज़्यादा अभद्र भाषा का इस्तेमाल करती हैं। स्कूलों और कॉलेजों में यह चलन आम होता जा रहा है।
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यहां देखें डाटा
दिल्ली: सर्वेक्षण में दिल्ली सबसे आगे रहा, जहां 80% लोगों ने स्वीकार किया कि वो गाली-गलौज करते हैं। महिलाओं के साथ भी काफ़ी दुर्व्यवहार होता है।
पंजाब: दूसरे स्थान पर रहा, जहां 78% लोगों ने खुद गाली-गलौज की बात स्वीकार की।
उत्तर प्रदेश और बिहार: ये दोनों राज्य 74% के साथ तीसरे स्थान पर रहे। यहां गाली-गलौज आम है, खासकर युवाओं में।
राजस्थान: 68% लोगों ने स्वीकार किया कि वो गाली-गलौज करते हैं।
हरियाणा: यहां यह आंकड़ा 62% तक पहुंच गया।
महाराष्ट्र: 58% लोग गाली-गलौज की आदत में लिप्त पाए गए।
गुजरात: 55% लोगों ने गाली-गलौज की बात स्वीकार की।
मध्य प्रदेश: 48% लोगों ने गाली-गलौज की बात स्वीकार की।
उत्तराखंड: यहाँ यह संख्या 45% थी, खासकर युवाओं में।
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