Bihar Chunav 2025: जान लें क्या है चुनाव आचार संहिता? उल्लंघन पर उम्मीदवारों पर क्या-क्या होती है कार्रवाई

Code of Conduct Violation Punishment: आचार संहिता राज्य सरकार और सभी राजनीतिक दलों पर नैतिक और संचालनात्मक प्रतिबंध लगाती है.

Published by Shubahm Srivastava

Code of Conduct : चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों एलान कर दिया है. इस बार के मतदान दो चरणों में होगा. पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को डाले जाएंगे. वहीं चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आएगा. 

बता दें कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने बिहार का दो दिवसीय दौरा किया. ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयुक्तों सुखबीर सिंह सिंधु और विवेक जोशी के साथ राजनीतिक दलों से चर्चा की और अधिकारियों के साथ चुनाव तैयारियों की समीक्षा की.

इसके अलावा, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बिहार चुनाव लोकतंत्र के महापर्व छठ की तरह मनाया जाएगा. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार ने वैशाली से लोकतंत्र को जन्म दिया और अब यह देश में चुनाव सुधारों को एक नई दिशा प्रदान करेगा. अब, जब चुनाव होंगे, तो कुछ नियम होंगे, जो आदर्श आचार संहिता के तहत निर्धारित हैं. इन नियमों का उल्लंघन आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है. आइए जानें कि इन नियमों का उल्लंघन करने पर उम्मीदवारों को क्या परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.

क्या होती है आचार संहिता?

आचार संहिता राज्य सरकार और सभी राजनीतिक दलों पर नैतिक और संचालनात्मक प्रतिबंध लगाती है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सत्ता में बैठे लोग कोई अनुचित लाभ न उठा सकें. हालांकि, इस अवधि के दौरान सभी सरकारी कार्य पूरी तरह से ठप नहीं होते हैं.

आचार संहिता के उल्लंघन पर EC ले सकती है ये एक्शन

चुनाव आयोग (EC) आचार संहिता के उल्लंघन की गंभीरता और प्रकृति के आधार पर दंड निर्धारित करता है. सबसे कठोर दंड प्रचार पर प्रतिबंध है. भड़काऊ बयान देने, जातिवाद या धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने, या सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करने वाले उम्मीदवारों को प्रचार करने से रोका जा सकता है. यह प्रतिबंध कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक का हो सकता है.

आचार संहिता के उल्लंघन पर पहली प्रतिक्रिया चेतावनी या नोटिस देना है. आयोग उल्लंघन का संज्ञान लेता है और संबंधित व्यक्ति या पार्टी को सुधार का अवसर देता है.

इसके अलावा, उल्लंघन की गंभीरता के आधार पर, चुनाव आयोग चुनाव नामांकन रद्द भी कर सकता है. यदि कोई उम्मीदवार मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए अवैध धन या शराब वितरित करता पाया जाता है, तो उसका नामांकन रद्द किया जा सकता है.

जुर्माना और दंड पर एक नजर

उल्लंघनकर्ताओं पर अक्सर उल्लंघन की गंभीरता के आधार पर जुर्माना और आर्थिक दंड लगाया जाता है. आधिकारिक तौर पर, चुनावी हिंसा या भड़काऊ भाषण जैसे कुछ गंभीर उल्लंघनों के लिए जेल की सज़ा का भी प्रावधान है. ऐसे मामलों में, उम्मीदवारों को दो साल तक की जेल हो सकती है.

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Shubahm Srivastava

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