Universe news: 7.3 अरब साल पुरानी डार्क मैटर की खोज; ब्रह्मांड में छुपा एक अदृश्य रहस्य

Universe news: क्या है यह रहस्यमय अदृश्य गांठ? वैज्ञानिकों की मानें तो यह ब्रह्मांड का सबसे बड़ा रहस्य हो सकता है. क्या यह डार्क मैटर का टुकड़ा है या छोटी गैलेक्सी? आइए विस्तार से समझें

Published by Team InKhabar

Universe news: कल्पना कीजिए, हमें किसी चीज को देखने में लगभग 7.3 अरब साल का समय लग जाए. यह बात सुनकर थोड़ी अजीब लगती है, लेकिन वैज्ञानिकों ने इसे सच कर दिखाया है. उन्होंने एक बहुत ही रहस्यमय और घनी अदृश्य गांठ(Dense Blob) खोजी है, जो एक दूर की गैलेक्सी के अंदर छुपी हुई थी. यह गांठ इतनी पुरानी है कि इसकी रोशनी हमें पहुंचने में अरबों साल लग चुके हैं.  

ये अदृश्य क्यों?

अब आप बस ये सोचिए, यह ब्लॉब सूरज से लाखों गुना भारी है, लेकिन फिर भी दिखाई क्यों नहीं देता? इसका कारण है कि यह न तो प्रकाश छोड़ती है और न ही रेडियो या गर्मी की किरणें. इसका पता केवल इसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति से चलता है. यानी यह वस्तु है लेकिन अभी देखी नहीं जा सकती.  

खोजकर्ता कौन ?

यह खोज की है जर्मनी के एक बड़े वैज्ञानिक संस्थान मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के रिसर्चरों ने. इस टीम का कहना है कि इतनी दूर किसी छोटे लेकिन प्रभावशाली ऑब्जेक्ट को सिर्फ उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति से पहचानना पहले नामुमकिन माना जाता था. लेकिन इस खोज ने साबित कर दिया है कि अब ब्रह्मांड में छुपे डार्क मैटर या छोटी गैलेक्सियों का भी पता लगाया जा सकता है.  

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यह ब्लॉब आखिर है क्या?

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह या तो डार्क मैटर का टुकड़ा हो सकता है,यानी वो रहस्यमय पदार्थ जो ब्रह्मांड का बड़ा हिस्सा बनाता है, लेकिन जिसे हम देख नहीं सकते या फिर यह एक छोटी सी गैलेक्सी हो सकती है जो इतनी छोटी है कि टेलिस्कोप भी उसे पकड़ नहीं पाते, इस ब्लॉब से न तो कोई रोशनी निकलती है और न ही कोई गर्मी, इसलिए यह पूरी तरह से अदृश्य है.  

ग्रैविटेशनल लेंसिंग क्या ?है

अब इस रहस्य को सुलझाने के लिए वैज्ञानिकों ने ‘ग्रैविटेशनल लेंसिंग’ नामक तकनीक का इस्तेमाल किया. आसान भाषा में कहें तो जब कोई बड़ी गैलेक्सी अपने गुरुत्वाकर्षण के कारण दूर की दूसरी गैलेक्सी की रोशनी को मोड़ देती है, तो उसे ग्रैविटेशनल लेंसिंग कहते हैं. इसी तकनीक से जर्मनी के वैज्ञानिकों को पता चला कि इस क्षेत्र में कुछ ऐसा है जो सीधे दिखाई नहीं देता. जब टीम ने उस जगह की तस्वीर को ध्यान से देखा, तो उन्हें एक हल्की सी दरार जैसी जगह नजर आई. उस निशान का विश्लेषण करने पर पता चला कि इसके पीछे कोई बड़ा द्रव्यमान छिपा हुआ है. इस खोज की विश्वसनीयता का आंकलन 26 सिग्मा की रेटिंग से हुआ जो बहुत ही भरोसेमंद मानी जाती है.  

वैज्ञानिकों का कथन

यह खोज ब्रह्मांड में मौजूद डार्क मैटर के सिद्धांत को और मजबूत बनाती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह की और भी रहस्यमय वस्तुएं मिलेंगी, जो ब्रह्मांड के सबसे बड़े सवालों का हल खोजने में मदद करेंगी. तो हो सकता है कि आने वाले वक्त में हम और भी ऐसी अदृश्य चीजें खोजें जो हमारे ब्रह्मांड को समझने का तरीका बदल दें.

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