Why space is black in colour?: क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर अंतरिक्ष का रंग काला ही क्यों होता है ? अगर नहीं, तो आज हम आपको इस विषय पर विस्तार से जानकारी देंगे. इस खबर में आपको यह पता चलेगा की अंतरिक्ष का रंग काला ही क्यों होता है. तो चलिए जानते हैं इससे जुड़े रोमाचंक बातें.
अंतरिक्ष का रंग काला दिखने की मुख्य वजह ?
अंतरिक्ष का रंग काला दिखने का मुख्य कारण यह भी है कि वहां रोशनी को बिखेरने या फैलाने के लिए कोई माध्यम (Medium) या वायुमंडल (Atmosphere) मौजूद नहीं है. अंतरिक्ष मुख्य रूप से एक निर्वात (Vacuum) है और इस निर्वात में रोशनी प्रकीर्णन (Scattering) नहीं हो सकती है.
धरती पर नीला आकाश:
धरती पर हमें आकाश नीला इसलिए दिखाई देता है क्योंकि हमारी धरती चारों तरफ एक वायुमंडल से घिरी हुई है. पृथ्वी पर नीला आकाश दिखने का मतलब है कि सूरज की रोशनी जब हमारे वायुमंडल में प्रवेश करती है तो, वायु में मौजूद छोटे कण जैसे नाइट्रोजन और ऑक्सीजन के मौजूद होते हैं. इसके टक्कर से यह रोशनी को सभी दिशाओं में बिखरेने में काफी मदद करती है. जिसकी वजह से हमें आसमान नीला नज़र आता है.
अंतरिक्ष में काला आकाश:
अंतरिक्ष में वायुमंडल और रोशनी को बिखेरने वाले कणों की मात्रा लगभग शून्य के बराबर है. जब सूरज की रोशनी किसी तारे की रोशनी अंतरिक्ष के अंदर से गुजरती है तो उसे बिखेरने वाला कोई माध्यम नहीं होता है. रोशनी बिना बिखरे एक सीधी रेखा में अंदर चली जाती है. इसलिए जब भी कोई अंतरिक्ष यात्री अतंरिक्ष की तरफ देखता है तो केवल तारे ही नज़र आते हैं. जिसकी सीधी रोशनी हमारी आंखों तक ही पहु्ंचती है.
काला रंग किसी भी रोशनी की अनुपस्थिति का प्रतीक है. क्योंकि अंतरिक्ष में चारों तरफ रोशनी को बिखेरने वाला कोई वायुमंडलीय माध्यम नहीं है, इसलिए तारों से आने वाली रोशनी के अलावा पूरा ब्रह्मांड हमें सिर्फ और सिर्फ काला ही दिखाई देता है.

