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Raj Kapoor का ड्रीम प्रोजेक्ट ‘मेरा नाम जोकर’ क्यों हुई फ्लॉप, छिपा है हैरान करने वाला कारण

राज कपूर की फिल्म "मेरा नाम जोकर" जो कि साल 1970 में रिलीज हुई थी इस फिल्म को बनने में एक दो साल नहीं बल्कि 6 साल लगे थे और इसे बनाने के लिए राज कपूर ने अपना सब कुछ दांव लगा दिया था।

Published by Anuradha Kashyap

Mera Naam Joker: इंडियन सिनेमा का इतिहास काफी उतार चढ़ाव से भरपूर है इसमें कुछ फिल्में ऐसी होती है जो रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर  काफी धमाल मचा देती है लेकिन वही कुछ फिल्में ऐसी होती है जो रिलीज के साथ और काफी टाइम तक बॉक्स ऑफिस पर धमाल नहीं मचा पाती है लेकिन वह एक कल्ट मूवी का दर्जा पा लेती है। ऐसी ही फिल्मों में शामिल है राज कपूर की फिल्म “मेरा नाम जोकर” जो कि साल 1970 में रिलीज हुई थी इस फिल्म को बनने में एक दो साल नहीं बल्कि 6 साल लगे थे और इसे बनाने के लिए राज कपूर ने अपना सब कुछ दांव लगा दिया था। 

6 साल की मेहनत और बड़ी स्टार कास्ट का चैलेंज

राज कपूर के फिल्म मेरा नाम जोकर सबसे बड़ा बड़ी चुनौती इस फिल्म की स्टारकास्ट थी जो की काफी बड़ी थी। इस फिल्म में राज कपूर के साथ-साथ मनोज कुमार, धर्मेंद्र, सेमी ग्रेवाल, दारा सिंह और काफी सारी विदेशी एक्ट्रेस भी थी। इसके अलावा ऋषि कपूर ने अपने पिता के बचपन का किरदार निभाया था जो फैंन्स के दिलों पर एक अलग छाप छोड़ता है लेकिन इसकी इतनी बड़ी स्टार कास्ट होने की वजह से सभी कलाकारों की शूटिंग डेट्स एक दूसरे से मैच करना बहुत मुश्किल था यही एक कारण था की फिल्म को बनने में पूरे 6 साल लग गए। 

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राज कपूर का ड्रीम थी फिल्म जिसके चलते बढ़ गया उन पर कर्ज

राज कपूर इस फिल्म को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट मानते थे उन्होंने फिल्म से लेकर निर्देशन तक हर छोटे बड़े हिस्से में खुद को पूरी तरह न्योछावर कर दिया था लेकिन इतने लंबे टाइम और अधिक खर्च के बाद उनको काफी सारी पैसों की दिक्कत का सामना करना पड़ा। रिपोर्ट के मुताबिक राज कपूर ने इस फिल्म को पूरा करने के लिए अपने घर और प्रॉपर्टीज तक को गिरवी रख दिया था। जब फिल्म आखिरकार रिलीज हुई तो बॉक्स ऑफिस पर इसे दर्शकों का प्यार नहीं मिला जिसके कारण राज कपूर काफी कर्ज में डूब गए थे। 

दर्शकों की उम्मीदें और फिल्म का अलग नजरिया  

मेरा नाम जोकर की कहानी एक जोकर के जीवन पर आधारित थी जो दूसरों को हसांता है लेकिन खुद दर्द में रहता है यह विचार अपने आप में बहुत ज्यादा शानदार था लेकिन उसे समय के लोग इस विचार से कनेक्ट नहीं कर पाए।  फिल्म  4 घंटे लंबी थी और इसमें डबल इंटरवल रखा गया था लोगों का ऐसा कहना है कि इसी वजह से यह फिल्म हिट साबित नहीं हुई और उस समय लोगों को केवल जोकर का मतलब हंसी मजाक ही लगा करता था लेकिन राज कपूर ने इसमें जीवन की गंभीर सच्चाइयों को दिखाया। 

Anuradha Kashyap
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