The Kapil Sharma Show Actress, Sumona Chakravarti: मुम्बई में मराठा आरक्षण को लेकर हो रहे प्रदर्शनों का असर केवल राजनीतिक या सामाजिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि आम लोगों की रोजमर्रा की ज़िंदगी पर भी दिखाई दे रहा है। इसी बीच टीवी की मशहूर अभिनेत्री और द ग्रेट इंडियन कपिल शर्मा शो (The Great Indian Kapil Sharma Show) की कलाकार सुमोना चक्रवर्ती ने एक चौंकाने वाला अनुभव साझा किया। हालांकि बाद में उन्होंने अपना पोस्ट हटा दिया, लेकिन उनके लिखे हुए शब्दों ने इस मुद्दे पर बड़ी बहस खड़ी कर दी।
कार रोककर किया हंगामा
सुमोना ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि मंगलवार दोपहर करीब 12:30 बजे वह कोलाबा से फोर्ट की ओर जा रही थीं। अचानक उनकी कार को एक भीड़ ने रोक लिया। उन्होंने बताया, “एक आदमी, जिसके गले में केसरिया दुपट्टा था, मेरी कार के बोनट पर जोर-जोर से हाथ मारने लगा। वह लगातार मुस्कुरा रहा था, जैसे कोई अजीब-सी ताकत दिखा रहा हो।”
सिर्फ यही नहीं, सुमोना ने आगे लिखा कि वही व्यक्ति अपनी बड़ी तोंद उनकी कार पर टिकाते हुए अजीब हरकतें करने लगा। उसके साथी कार की खिड़कियों पर हाथ मारते और जोर-जोर से “जय महाराष्ट्र” के नारे लगाते हुए हँस रहे थे। उन्होंने कहा, “हम थोड़ी दूर बढ़े तो वही घटना दोबारा हुई। उस पल लगा कि अगर मैंने मोबाइल निकालकर वीडियो बनाया तो शायद हालात और बिगड़ जाएँगे। इसलिए मैंने ऐसा नहीं किया।”
कानून-व्यवस्था पर उठा सवाल
सुमोना ने लिखा कि उस समय उन्हें लगा कि कोई भी हो, कहीं भी हो, कानून और नियम कुछ ही मिनटों में बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी होते हैं और हमने उन्हें बड़े कारणों के लिए कई बार देखा है। लेकिन अक्सर ऐसे प्रदर्शनों पर पुलिस तुरंत सख्ती दिखाती है। ‘लेकिन यहाँ? यहाँ तो पूरी तरह गड़बड़ी थी।’”
सोशल मीडिया पर दिया फीडबैक
उनकी इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कई लोगों ने उनका समर्थन किया तो कई ने उन्हें सवालों के घेरे में ले लिया। एक यूज़र ने लिखा, “संविधान का अनुच्छेद 19 (1) (e) और (g) सभी नागरिकों को अधिकार देता है कि वे भारत के किसी भी हिस्से में रह सकते हैं और कोई भी पेशा कर सकते हैं। लेकिन अगर इस तरह की घटनाएँ होंगी तो इन अधिकारों का क्या मतलब रह जाएगा?” दूसरे ने लिखा, “मुद्दे पर चिंता करने और समाधान ढूँढने के बजाय लोग तुलना करने लगे हैं। कोई कह रहा है कि बंगाल की बात करो, तो कोई कह रहा है कि आपको मुम्बई छोड़ देना चाहिए।”
लोगों का नापसंद करना
कुछ लोगों ने सुमोना की पोस्ट का विरोध भी किया। उनका कहना था कि यह प्रदर्शन सिर्फ हंगामा मचाने के लिए नहीं किया जा रहा, बल्कि इसके पीछे लंबे समय से चली आ रही समस्या है। एक यूजर ने लिखा, “मैडम, आप आम लोगों की तकलीफें कैसे समझ सकती हैं? जो मराठा समाज मुम्बई में इकट्ठा हुआ है, वह आरक्षण की माँग के लिए आया है। गाँव से, खेत से, अपने काम-धंधे छोड़कर ये लोग यहाँ पहुँचे हैं। उनका संघर्ष असली है।” टिप्पणी में आगे लिखा गया, “हर व्यक्ति किसान परिवार से आता है। आरक्षण की माँग के पीछे यह दर्द है कि उन्होंने अपने परिवारों और रोज़गार को छोड़ दिया है और आज सिर्फ़ अपने हक़ के लिए मुम्बई पहुँचे हैं।”
आरक्षण आंदोलन का कारण
मराठा समाज कई सालों से आरक्षण की माँग कर रहा है। उनका कहना है कि खेती पर निर्भर परिवारों की हालत लगातार खराब हो रही है और उन्हें शिक्षा तथा नौकरी में विशेष अवसर मिलने चाहिए। इस मुद्दे पर कई बार बड़े आंदोलन हो चुके हैं। मुम्बई में इस बार का प्रदर्शन ज्यादा बड़ा और असरदार रहा। लेकिन अभिनेत्री के अनुभव ने यह सवाल खड़ा किया कि क्या इस तरह की हरकतों से आम नागरिक असुरक्षित महसूस नहीं करते? क्या आंदोलनकारियों की आवाज़ इस तरह डर फैलाकर और तेज़ होगी या फिर इससे मुद्दा भटक जाएगा?
सुमोना का डर और समाज की सोच
सुमोना चक्रवर्ती का अनुभव यह दिखाता है कि शहर की सड़कों पर अचानक उत्पात देखकर कोई भी डर सकता है। खासकर महिलाएँ जब अकेली गाड़ी चला रही हों तो ऐसी स्थिति और भी डरावना हो जाती है। उन्होंने सही कहा कि कानून-व्यवस्था कुछ ही पलों में ढह जाती है। सोशल मीडिया पर फैली टिप्पणी भी यह दर्शाती हैं कि समाज दो हिस्सों में बँटा है। एक पक्ष कह रहा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना सबसे जरूरी है, जबकि दूसरा पक्ष कह रहा है कि आरक्षण की माँग का दर्द समझना चाहिए।

