कभी चलाता था प्रोड्यूसर की गाड़ी , वड़ा पाव खाकर गुजारता था रातें… आज बड़े-बड़े सुपरस्टार की उड़ा रहा है नींद!

Guess The Actor : ड्राइवर की नौकरी और वड़ा पाव से शुरू हुआ सफर, आज राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुपरस्टार बनने तक पहुंचा. 'कांतारा' ने उन्हें दुनिया भर में नई पहचान दिलाई. आइए जानते हैं कि कौन है वो शख्स-

Published by sanskritij jaipuria

Guess The Actor : साउथ सिनेमा का एक ऐसा कलाकार , जिसकी जिंदगी के शुरुआती पन्ने संघर्ष से भरे हुए हैं. एक समय था जब ये होनहार युवा कलाकार मुंबई की सड़कों पर ड्राइवर की नौकरी किया करता था. शामें अक्सर सड़क किनारे वड़ा पाव खाते हुए गुजरती थीं और दिन ऑफिस बॉय की डेस्क के इर्द-गिर्द बीतते थे. जिस शहर में लाखों सपने पलते हैं, वहीं एक सपना धीरे-धीरे आकार ले रहा था – कुछ बड़ा बनने का, कुछ अलग करने का.

रेड कार्पेट और कैमरे की चमक से पहले, ये कलाकार गुमनामी में जी रहा था. उन्होंने एक समय पर प्रोड्यूसर की कार भी चलाई और फिल्मी दुनिया के अंदर तक पहुंचने के लिए छोटे-छोटे काम किए. लेकिन इन सभी एक्सपीरिएंस ने उनके भीतर वो समझ, धैर्य और जिद पैदा की, जो आगे चलकर उन्हें एक बेहतरीन कलाकार और फिल्मकार बनाएगी. हम जिसकी बात कर रहे वो कोई और नहीं ऋषभ शेट्टी है.

जब ‘कांतारा’ ने पलट दी किस्मत

साल 2022 में आई फिल्म ‘कांतारा’ इस कहानी का सबसे बड़ा मोड़ बन गई. ये फिल्म सिर्फ एक ब्लॉकबस्टर नहीं थी, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन बन गई, जिसने देशभर में लोककथाओं और जड़ों से जुड़ी कहानियों को मुख्यधारा में ला दिया.

इस फिल्म की नायाब कहानी, निर्देशन और एक्टिंग के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार (नेशनल अवॉर्ड) में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का खिताब मिला – और इसी के साथ वो नाम हर जुबां पर चढ़ गया, जो कभी एक कोने में वड़ा पाव खाया करता था.

निर्देशक की कुर्सी से लेकर दर्शकों के दिल तक

ऋषभ शेट्टी ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में फिल्म ‘तुगलक’ से की थी. इसके बाद उन्होंने ‘लूसिया’ और ‘उलिदावरु कंदंथे’ जैसी फिल्मों में अपनी पहचान बनाई. लेकिन उनका असली सपना था – अपनी कहानियों को अपने नजरिए से कहना. ‘कांतारा’ ने उनके इस सपने को आकार दिया और उन्हें एक सशक्त निर्देशक और एक्टर दोनों के रूप में स्थापित किया.

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 कांतारा: चैप्टर 1 –  

‘कांतारा: चैप्टर 1’, इस सफलता की अगली कड़ी है. फिल्म में ऋषभ के साथ रुक्मिणी वसंत, जयराम और गुलशन देवैया जैसे कलाकार नजर आ रहे हैं. 2 अक्टूबर 2025 को रिलीज हुई ये फिल्म रिलीज के पहले ही दिन चर्चा का विषय बन गई. इसने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त ओपनिंग की, बल्कि बॉलीवुड की चर्चित फिल्म ‘सनी संसकारी की तुलसी कुमारी’ को भी पीछे छोड़ दिया. यही नहीं, ये साल 2025 की सबसे बड़ी ओपनिंग फिल्म भी बन गई.

ऋषभ शेट्टी की यह यात्रा केवल एक कलाकार की नहीं, बल्कि उन लाखों लोगों की कहानी है जो बिना किसी गॉडफादर के सपनों की नगरी में आते हैं. वो साबित करते हैं कि अगर जज्बा हो, तो वड़ा पाव से भी शुरुआत करके आप राष्ट्रीय पुरस्कार जीत सकते हैं.

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