Free AI Education for Teachers: इंटरनेट की क्रांति के बाद अब पूरी दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के युग में प्रवेश कर रही है. शिक्षा क्षेत्र पर भी इसका गहरा प्रभाव दिखाई देने लगा है. भारत सरकार की कोशिश है कि देश के हर बच्चे को AI शिक्षा उपलब्ध कराई जाए, लेकिन सीमित संसाधनों और विशाल जनसंख्या के कारण यह काम आसान नहीं है. इसी चुनौती को देखते हुए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मद्रास ने एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है. इसके अंतर्गत अब देशभर के शिक्षकों को मुफ्त AI शिक्षा दी जाएगी ताकि वे खुद AI में दक्ष होकर बच्चों को भविष्य की शिक्षा दे सकें.
AI for Educators: शिक्षकों के लिए नया कोर्स
IIT मद्रास पहले ही पांच AI कोर्स लॉन्च कर चुका है:
AI in Physics
AI in Chemistry
AI in Accounting
Cricket Analyst with AI
AI/ML using Python
अब इन्हीं के साथ एक नया कोर्स AI for Educators जोड़ा गया है. यह खासतौर पर स्कूल टीचर्स और टीचर ट्रेनिंग कर रहे लोगों के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें उन्हें सिखाया जाएगा
क्लासरूम मैनेजमेंट में AI का इस्तेमाल
छात्रों का असेसमेंट करने के नए तरीके
पढ़ाई को और रोचक बनाने वाले AI टूल्स
कोर्स की खासियत
अवधि: 25 से 45 घंटे
पूरी तरह फ्री (केवल सर्टिफिकेट और प्रॉक्टर्ड एग्जाम के लिए मामूली शुल्क)
उपलब्धता: SWAYAM Plus प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन
अंतिम तिथि: 10 अक्टूबर 2025 तक रजिस्ट्रेशन
आवेदन: swayam-plus.swayam2.ac.in/ai-for-all-courses
शिक्षा का भविष्य और AI
IIT मद्रास के डायरेक्टर प्रो. वी कमाकोटी के अनुसार, AI शिक्षा का भविष्य बदल देगा. नर्सरी से 12वीं तक के शिक्षकों को AI स्किल्स देकर शिक्षा को मजबूत बनाया जाएगा और राष्ट्र निर्माण में योगदान होगा.
IIT मद्रास के डीन (प्लानिंग) प्रो. आर सारथी का कहना है कि इसके लिए किसी तरह का AI या कोडिंग अनुभव जरूरी नहीं है. केवल बेसिक डिजिटल ज्ञान और सीखने की इच्छा पर्याप्त है. कोर्स में प्रैक्टिकल एक्टिविटीज, असली डेटा सेट्स और केस स्टडीज शामिल होंगी.
SWAYAM Plus और समावेशी शिक्षा
SWAYAM Plus, शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत IIT मद्रास की पहल है. यह प्लेटफॉर्म देशभर के छात्रों और शिक्षकों को रोजगारोन्मुखी ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध कराता है. अभी तक इस पर 430+ कोर्स हैं और 3.7 लाख से अधिक लोग रजिस्टर कर चुके हैं.
हाल ही में IIT मद्रास ने Inclusive Education Roundtable का आयोजन भी किया. इसमें दिव्यांग छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा से कैसे लाभ पहुंचाया जा सकता है, इस पर चर्चा हुई. साथ ही इंटरैक्टिव और असिस्टिव टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन किया गया, जिससे विकलांग छात्रों को पढ़ाई में सुविधा मिल सके.

