Air Quality Management Commission Graded Response Action Plan implemented: वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में लगातार हो रहे इजाफे की वजह से दिल्ली-एनसीआर के 4 करोड़ से अधिक लोगों का बुरा हाल है. ज्यादातर इलाकों में Air Qualiy Index 400 के पार ही चल रहा है. वहीं, इसकी वजह से लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत समेत कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है. इस बीच लोगों की बढ़ती दिक्कत को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) में बड़ा बदलाव किया है. इसका एलान शनिवार को हुआ है. इसके मुताबिक, CAQM के ताजा निर्देश के बाद सरकारी दफ्तरों के 50 प्रतिशत कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे.
50 प्रतिशत कर्मचारी करेंगे वर्क फ्रॉम होम
CAQM के मुताबिक, शनिवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) में बदलाव किया है. इस बदलाव को दिल्ली के साथ-साथ नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत समेत एनसीआर के अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा. CAQM ने ताजा निर्देश के बाद दिल्ली-एनसीआर के शहरों में सरकारी, प्राइवेट और नगरपालिका के दफ्तरों में आधे यानी 50 प्रतिशत कर्मचारी मौजूद रहेंगे, जबकि 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम करेंगे.
आखिर क्यों लेना पड़ा इतना बड़ा फैसला?
यहां पर बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है. सुबह से शाम तक ही नहीं बल्कि रात में भी वायु प्रदूषण लोगों को परेशान कर रहा है. यह स्थिति करीब एक महीने से बनी हुई है. सरकारी प्रयासों के बीच दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. शनिवार (22 नवंबर, 2025) की बात करें तो राजधानी दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 365 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है. यह बच्चों के साथ-साथ बुजुर्गों के लिए भी खतरनाक है. हार्ट और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए वायु प्रदूषण अधिक गंभीर स्थिति पैदा कर देता है. बताया जा रहा है कि लगातार आठवें दिन AQI 300 से ऊपर रहने के कारण CAQM ने GRAP-3 के प्रतिबंधों को लागू किया है. CAQM का मानना है कि विशेषज्ञों के सुझाव पर ये अहम फैसले लिए गए हैं. बता दें कि राजधानी दिल्ली में जहरीली हवा में कोई राहत के संकेत नहीं दिख रहे हैं. यह टिप्पणी खुद सुप्रीम कोर्ट भी कर चुका है.
लिए गए हैं अहम फैसले
- नगरपालिका दफ्तरों के साथ-साथ सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों के 50% कर्मचारी ऑफिस आएंगे, जबकि बचे कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे.
- केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए भी यही विकल्प सुझाया गया है.
- केंद्र सरकार भी अपने कार्यालयों के समय में बदलाव पर फैसला लेगी.
- स्टेज-IV के कुछ नियम अब स्टेज-III में लागू होंगे.

