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‘Baby, I love you’…,चैतन्यानंद के काले कारनामों ने मचाई सनसनी! दो ईमेल ने सालों का राज किया पर्दाफाश

दिल्ली के पॉश वसंत कुंज स्थित आश्रम के संचालक चैतन्यानंद सरस्वती पर लगे यौन शोषण के आरोपों ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. दो ईमेल से उजागर हुआ यह कांड कैसे सामने आया और किन-किन नए राज़ों से पर्दा उठा, जानिए इस खास रिपोर्ट में.

Published by Shivani Singh

Chaitanyanand Saraswati scandal: धर्म और आस्था के नाम पर ढोंग का खेल नया नहीं है. समय-समय पर ऐसे कई मामले सामने आते रहे हैं, जब आध्यात्मिक गुरु के चोले में छिपा दरिंदा अपने घिनौने कृत्यों से समाज को शर्मसार करता रहा है. अब एक बार फिर राजधानी दिल्ली से ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है.

दरअसल दिल्ली के पॉश वसंत कुंज इलाके में स्थित एक आश्रम के संचालक और शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के प्रमुख चैतन्यानंद सरस्वती के यौन उत्पीड़न मामले ने व्यापक विवाद खड़ा कर दिया है. जाँच शुरू होने के बाद से, नए-नए राज़ सामने आ रहे हैं. हाल ही में एक पीड़िता ने अपनी आपबीती साझा की और कई चौंकाने वाले खुलासे किए. छात्रा ने बताया कि चैतन्यानंद उसे और अन्य छात्राओं को अश्लील संदेश भेजता था और इस पूरे कांड में कॉलेज प्रशासन से जुड़ी तीन महिलाओं ने उसका साथ दिया. आइए जानें कि दो ईमेल के ज़रिए यह कांड कैसे सामने आया और चैतन्यानंद का महिला गिरोह कौन है जो इन गतिविधियों में उसका साथ देता था.

ईमेल से उजागर हुए सालों पुराने राज़

संस्थान की एक पूर्व छात्रा ने 28 जुलाई को संस्थान को एक पत्र भेजा, जिसमें चैतन्यानंद के कुकर्मों का पर्दाफ़ाश किया गया था। यह पत्र 31 जुलाई को विश्वविद्यालय को मिला और उसके बाद, 1 अगस्त को, भारतीय वायु सेना के एक ग्रुप कैप्टन ने भी संस्थान को एक ईमेल भेजा, जिसमें छात्राओं के शोषण का आरोप लगाया गया था। ग्रुप कैप्टन ने बताया कि उन्हें चैतन्यानंद द्वारा देर रात कई छात्राओं को व्हाट्सएप संदेश भेजने और उन पर दबाव बनाने की जानकारी मिली थी। ये दोनों ईमेल पूरे मामले का पर्दाफाश करने में अहम साबित हुए।

करीब 17 छात्राओं ने शिकायत दर्ज कराई

इन दोनों ईमेल मिलने के बाद, संस्थान की गवर्निंग काउंसिल सक्रिय हुई और 3 अगस्त को 30 से ज़्यादा छात्राओं के साथ एक ऑनलाइन बैठक की. इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई. 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए, जिनमें से कम से कम 17 ने स्वामी चैतन्यानंद पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने, अश्लील संदेश भेजने और शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया. इनमें से ज़्यादातर पीड़ित आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग से थीं, और बाकी सशस्त्र बलों के अधिकारियों की बेटियाँ थीं.

FIR में संस्थान की तीन महिला कर्मचारियों का नाम

अपनी आर्थिक और पारिवारिक परिस्थितियों के कारण, इन छात्राओं को चैतन्यानंद की अनुचित माँगों को मानने के लिए मजबूर होना पड़ा. छात्रों ने यह भी खुलासा किया कि आरोपी और उसके साथियों ने पीड़ितों के मूल शैक्षणिक प्रमाणपत्र ज़ब्त कर लिए थे, जिससे उनका भविष्य ख़तरे में पड़ गया था. इसी डर से छात्र चुप रहे। प्राथमिकी में संस्थान की तीन महिला कर्मचारियों के भी नाम हैं, जिनमें से एक एसोसिएट डीन थीं. उन पर छात्रों पर चैतन्यानंद की बात मानने का दबाव बनाने और उनकी शिकायतों को नज़रअंदाज़ करने का आरोप है. विरोध करने वाले छात्रों को फ़ेल करने और छात्रवृत्ति रोकने की धमकी दी जाती थी.

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21 वर्षीय छात्रा से कहा, “मैं तुमसे प्यार करता हूँ”

21 वर्षीय पीड़िता ने अपनी पूरी कहानी बयां की. उसने बताया कि उसकी मुलाकात चैतन्यानंद से पिछले साल हुई थी. चैतन्यानंद का कार्यालय उसी इमारत के भूतल पर था जहाँ उसकी कक्षाएं लगती थीं. पीड़िता ने कहा, “हमारी पहली मुलाकात के दौरान, उन्होंने मुझे अजीब नज़रों से देखा और मुझे हतोत्साहित किया. इसके बाद, चैतन्यानंद ने उसे मैसेज करना शुरू कर दिया.” पीड़िता ने बताया कि चैतन्यानंद उसे अजीबोगरीब समय पर अश्लील मैसेज भेजने लगे. उसने “बेबी, आई लव यू”, “आई लाइक यू” और “आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो” जैसे संदेश भेजे.

चैतन्यानंद फिलहाल फरार

चैतन्यानंद फिलहाल फरार है. जब उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, तो उसने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था, लेकिन पुलिस के सख्त जवाब के बाद उसने इसे वापस ले लिया. इसके अलावा, कर्नाटक के श्रृंगेरी स्थित शंकराचार्य पीठ से जुड़े दिल्ली आश्रम, जहाँ चैतन्यानंद संचालक थे, ने अब उन्हें उनके पद से हटा दिया है. मामला दर्ज होने के बाद से ही चैतन्यानंद फरार हैं और उन्हें पकड़ने के लिए निगरानी बढ़ा दी गई है. उन्हें आखिरी बार आगरा में देखा गया था, लेकिन पुलिस से बचने के लिए वह बार-बार ठिकाने बदल रहे हैं. आध्यात्मिक गुरु का वेश धारण कर अत्याचार करने वाले चैतन्यानंद द्वारा इन कृत्यों का पर्दाफाश न केवल कानूनी रूप से गलत है, बल्कि सामाजिक रूप से भी शर्मनाक है.

पुरानी दिल्ली के ऐतिहासिक और मशहूर बाज़ार

Shivani Singh

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