Seat Ka Samikaran: दो बार जीते लालू यादव लेकिन राबड़ी देवी को मिली हार, जानें- सोनपुर सीट का पूरा समीकरण

Bihar Sonpur Seat Samikaran: सोनपुर सीट पर अब तक 17 विधानसभा चुनाव हुए हैं. कांग्रेस ने चार बार जीत हासिल की है. वहीं लालू यादव की राजद ने भी चार बार जीत हासिल की है, जिसमें 2015 और 2020 के पिछले दो चुनाव शामिल हैं.

Published by Hasnain Alam

Sonpur Seat Samikaran: बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवबंर को होंगे. इससे पहले एनडीए और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर मंथन चल रही है. इस तरह के मंथन में सीटों के समीकरण को जरूर ध्यान में रखा जाता है. ऐसे में आज हम आपको सोनपुर विधानसभा सीट का समीकरण बताएंगे. बिहार को दो-दो मुख्यमंत्री देने वाला सोनपुर सीट नई रणनीति और नए मुद्दों के साथ चुनाव के लिए तैयार है.

आरजेडी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने 1980 में इस सीट से जीत हासिल करके विधानसभा में प्रवेश किया था. इसी धरती से रामसुंदर दास का नाता रहा है, जो बिहार के मुख्यमंत्री रहे. जेपी आंदोलन के बाद 1977 में हुए चुनाव में रामसुंदर दास इस क्षेत्र से निर्वाचित हुए और राज्य के मुख्यमंत्री बने थे.

राबड़ी देवी को करना पड़ा था हार का सामना

सोनपुर ने अब तक कई हाई-प्रोफाइल चुनावी लड़ाई देखी हैं. 1980 में लालू प्रसाद को जिताया जरूर, लेकिन जब उन्होंने इस सीट को छोड़ दिया. हालांकि, 2010 के चुनाव में जनता ने उनकी पत्नी राबड़ी देवी को हरा दिया था और तब से अब तक राजद यहां से जीत हासिल नहीं कर पाई है.

सोनपुर विधानसभा क्षेत्र, दक्षिण में गंगा और पूरब में गंडक नदी से घिरा है. यह न सिर्फ राजनीतिक, बल्कि ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है. यह भूमि ‘हरि और हर’ यानी विष्णु और शिव की भूमि मानी जाती है. इस भूमि की सियासत में जितनी ख्याति है, उससे कहीं ज्यादा हरिहरक्षेत्र मेला से यह विश्वविख्यात है.

सोनपुर पशु मेला नवंबर महीने में कार्तिक पूर्णिमा (पूर्णिमा के दिन) को सोनपुर, बिहार में गंगा और गंडक नदी के संगम पर आयोजित किया जाता है. यह दिन भगवान हरिहरनाथ की पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है. इसे हरिहरनाथ मेला के रूप में भी जाना जाता है और यह पूरे एशिया से आगंतुकों को आकर्षित करता है.

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सोनपुर सीट पर हुए हैं 17 विधानसभा चुनाव

इस निर्वाचन क्षेत्र में अब तक 17 विधानसभा चुनाव हुए हैं. कांग्रेस ने चार बार जीत हासिल की, आखिरी बार 1972 में. लालू की राजद ने भी चार बार जीत हासिल की है, जिसमें 2015 और 2020 के पिछले दो चुनाव शामिल हैं. बीजेपी, जनता दल और जनता पार्टी ने दो-दो बार जीत हासिल की है, जबकि निर्दलीय, भाकपा और लोकदल ने एक-एक बार जीत हासिल की है.

कब किसे मिली जीत?

1952- जगदीश शर्मा- कांग्रेस
1957- राम बिनोद सिंह- निर्दलीय
1962- शिव बचन सिंह- CPI
1967- राम जयपाल सिंह यादव- कांग्रेस
1969- राम जयपाल सिंह यादव- कांग्रेस
1972- राम जयपाल सिंह यादव- कांग्रेस
1977- राम सुंदर दास- जनता पार्टी
1980- लालू प्रसाद यादव- जनता पार्टी
1985- लालू प्रसाद यादव- लोक दल
1990- राज कुमार रॉय- जनता दल
1995- राज कुमार रॉय- जनता दल
2000- विनय कुमार सिंह- BJP
2005- रामानुज प्रसाद यादव- RJD
2005- रामानुज प्रसाद यादव- RJD
2010- विनय कुमार सिंह- BJP
2015- रामानुज प्रसाद यादव- RJD
2020- रामानुज प्रसाद यादव- RJD

बता दें कि 2020 के चुनाव में भी रामानुज प्रसाद यादव ने बीजेपी के विनय सिंह को हराया था. हार-जीत का अंतर 6,686 वोट था. रामानुज प्रसाद यादव को कुल 73,247 और विनय को 66,247 वोट मिले थे.

Hasnain Alam
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