Bihar Chunav 2025: बिहार चुनाव में पहले चरण के मतदान से दो पहले मुकेश सहनी ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष और अपने भाई संतोष सहनी की जगह दरभंगा जिले की गौराबौराम सीट से राजद के बागी अफजल अली ख़ान को टिकट देकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लालटेन चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे थे. सत्ता विरोधी वोट के बंटवारे के कारण दोनों दलों को चुनाव हारने का खतरा था. राजद ने अफजल को मनाने की कोशिश की लेकिन वह पीछे हटने को तैयार नहीं थे. सहनी ने अपने भाई को मैदान में उतारने को एक बड़ी लड़ाई के लिए एक छोटा सा त्याग बताया. मुकेश इस सीट पर अपने भाई के लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे. लेकिन विपक्ष को डर था कि अफजल ख़ान असदुद्दीन ओवैसी और जन सुराज पार्टी के मुस्लिम उम्मीदवारों के साथ मिलकर एनडीए को फ़ायदा पहुंचाएंगे.
अफजल अली को क्यों नही बैठाया
दरअसल लालू यादव और तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के सीट बंटवारे से पहले ही अफजल को यह चुनाव चिन्ह दे दिया था और उन्होंने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था. बाद में तेजस्वी ने यह सीट मुकेश सहनी को दे दी. शुरुआत में मुकेश सहनी खुद यहां से चुनाव लड़ने वाले थे और दरभंगा जाकर मीडिया को बताया कि वे अपना नामांकन दाखिल कर रहे है. हालांकि अफजल अली खान के ज़िद करने की बात जानने के बाद उन्होंने अपने भाई संतोष सहनी से नामांकन दाखिल करवाया.
तेजस्वी यादव ने अफजल से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने मना कर दिया. चूंकि उनका नामांकन वैध था. इसलिए उन्हें लालटेन का चुनाव चिन्ह भी मिल गया है. जब तेजस्वी संतोष सहनी के लिए प्रचार करने गए तो उन्होंने लोगों से अफजल की चिंता उन पर छोड़ देने और महागठबंधन के संतोष सहनी को वोट देने का आग्रह किया है. राजद अध्यक्ष लालू यादव ने सोमवार को अफजल को पार्टी से निकाल दिया था. तेजस्वी ने आज सुबह संतोष के समर्थन में एक बयान भी जारी किया है. लेकिन अब मुकेश सहनी ने अपने भाई को चुनाव मैदान में उतारकर महागठबंधन के मतदाताओं के भ्रम को दूर करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास किया है.
मुकेश सहनी ने क्या कहा?
दरभंगा में इसकी घोषणा करते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि अफजल को मनाने की कई कोशिशें की गईं, लेकिन वे नहीं माने इसलिए वीआईपी उम्मीदवार संतोष सहनी ने बड़ी उदारता दिखाई है और उनके समर्थन में आगे आए है. सहनी ने कहा कि अगर दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ते तो एनडीए को फ़ायदा होता. उन्होंने आगे कहा कि यह एक विधायक की लड़ाई नही बल्कि महागठबंधन की सरकार बनाने की लड़ाई है. अगर राजद उम्मीदवार जीत भी जाता है, तो भी महागठबंधन सरकार बनाएगा. मुकेश सहनी ने वीआईपी कार्यकर्ताओं से अफजल की जीत के लिए काम करने का आह्वान किया और महागठबंधन से अपील की कि जिन सीटों पर दोस्ताना मुक़ाबला है वहां किसी एक दल से बड़ा दिल दिखाएं.

