Election Commission asked 5 questions: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर एक अहम अपडेट सामने आ रही है। विपक्ष के आरोपों से घिरे चुनाव आयोग ने अब देश की जनता से पाँच अहम सवाल पूछे हैं। चुनाव आयोग ने पूछा है कि जनता बताए कि मतदाता सूची की गहन जाँच होनी चाहिए या नहीं और भी कई अहम सवाल है जो चुनाव आयोग ने देश की जनता से पूछे हैं।
एक ओर जहाँ राजद-कांग्रेस की बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ चल रही है वहीँ इस बीच में आयोग ने जनता से ये सवाल पूछे हैं। क्योंकि विपक्ष ने बिहार में SIR के दौरान गलत तरीके से नाम हटाने का आरोप लगाया है। आपको मालुम हो कि वैसे भी, आयोग अब तक 65 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा चुका है।
आयोग ने जनता से ये पाँच अहम सवाल पूछे
- पहला सवाल – मतदाता सूची की गहन जाँच होनी चाहिए या नहीं?
- दूसरा सवाल – मृत लोगों के नाम हटाए जाने चाहिए या नहीं?
- तीसरा सवाल – जिन लोगों के नाम मतदाता सूची में दो या दो से ज़्यादा जगहों पर हैं, उनके नाम सिर्फ़ एक ही जगह होने चाहिए या नहीं?
- चौथा सवाल – जो लोग दूसरी जगह बस गए हैं, उनके नाम हटाए जाने चाहिए या नहीं?
- पाँचवाँ सवाल – विदेशियों के नाम हटाए जाने चाहिए या नहीं?
जनता के बीच जाएँगे अधिकारी
चुनाव आयोग सच बताने के लिए अभियान चलाएगा। आयोग ने इंटरनेट मीडिया पर इस तरह के आरोपों पर तुरंत प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है। ऐसे आरोपों को भ्रामक और सच बताया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि इंटरनेट मीडिया पर बताई जा रही यह सच्चाई जनता के एक बड़े वर्ग तक नहीं पहुँच पाती।
ऐसे में, इसे बताने के लिए उनके बीच जाना होगा। आयोग ने मतदाताओं के बीच जागरूकता अभियान चलाने वाली स्वीप (व्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता) शाखा को इस संबंध में तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। संभव है कि इसकी शुरुआत बिहार से हो।
चुनाव आयोग का क्या कहना है ?
चुनाव आयोग का कहना है कि जो भी नाम हटाए गए हैं, इनमें से ज़्यादातर नाम मृतकों, विस्थापितों और दो जगहों से अपना नाम दर्ज कराने वाले मतदाताओं के हैं। आयोग के अनुसार, इन पाँच सवालों के ज़रिए वह मतदाताओं के नाम गलत तरीके से हटाए जाने को लेकर जनता में फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करना चाहता है।
यही वजह है कि आयोग ने उन पाँच आधारों के बारे में भी सवाल पूछे हैं जिनके आधार पर लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं। आयोग ने अपने बयान में कहा है कि अगर इन सवालों के जवाब हाँ हैं, तो मतदाता सूची के शुद्धिकरण के इस कठिन कार्य को पूरा करने में आयोग का सहयोग करें और इसे सफल बनाएँ।

