Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha Election) को अब कुछ ही दिन बाकी हैं. सभी पार्टियों ने जीत हासिल करने के लिए अपनी कमर कस ली है. यह चुवाव दो चरणों में होना है. 6 नवंबर को पहले फेज़ की 121 सीटों पर वोटिंग की जाएगी. इसके बाद 11 नवंबर को दूसरे चरण की 122 सीटों पर वोटिंग होनी है. सभी पार्टियों ने बिहार के वोटर्स (Bihar Voters) को लुभाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. इस बार का चुनाव किस दिशा में जाएगा यह बिहार के यूवा तय करेगा? बिहार की सियासत इस समय युवाओं के इर्द-गिर्द ही घूमती नजर आ रही है. इस बार सभी की निगाहें Gen-Z पर टिकी हुई हैं. आखिर लोग जानना चाहते हैं कि Gen-Z बिहार चुनाव में किस पार्टी के साथ खड़ा है.
बिहार का चुनावी समीकरण
इस बार बिहार चुनाव काफी अलग तरीके से लड़ा जा रहा है. क्योंकि राज्य की 58 फ़ीसदी आबादी की आयु 25 साल से कम है. सभी पार्टियां इन युवाओं को अपनी तरफ लाने की पूरी कोशिश कर रही है. राज्य में 25 फ़ीसदी के क़रीब मतदाता Gen-Z है. इस साल 14.7 लाख Gen-Z मतदाता वोट डालने वाले हैं. बिहार में देश के युवाओं का अनुपात बाकी राज्यों से अधिक है. Gen-Z वोटरों को लुभाने के लिए पार्टियों ने तमाम तरह के वादें भी किए हैं. महागठबंधन के तेजस्वी यादव और एनडीए के चिराग पासवान युवाओं को अपनी तरफ लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
Gen-Z का झुकाव किस तरफ?
वोटर Gen-Z की संख्या 1.75 करोड़ है. यह किसी भी पार्टी को जिताने और हराने के लिए काफी है. हर सीट पर औसतन 70 हजार वोटर युवा हैं. जिसके कारण यह वर्ग सभी पार्टी के लिए काफी जरुरी है. जीत हासिल करने के लिए इनका मत एकजुट होकर मिलना काफी जरुरी है. युवा इंटरनेट का यूज कर देश-दुनिया की व्यवस्था और सुख-सुविधाओं को देख चुके हैं. वह अपने राज्यों की बाकियों से भी तुलना करते हैं. युवाओं को अब राजनीति की समझ काफी ज्यादा हो चुकी है. बिहार में नीतीश कुमार की जब से सरकार बनी है, उसके बाद जन्म लेने वाले वोटरों की संख्या काफी ज्यादा है. जिन लोगों ने केवल नीतिश कुमार का राज देखा है. उन लोगों ने लालू यादव या फिर कांग्रेस का राज नहीं देखा है.
युवाओं को लुभाने में जुटी पार्टियां
युवा वोटर राजनीति को काफी अलग तरीके से समझते हैं. उनके वोटिंग पैटर्न में साफ नजर आता है. युवा वोटरों के पास सवालों की लंबी फेहरिस्त है, जो राजनिति की पुरानी स्टाइल पर सवाल खड़े करती है. युवा वोटर्स इस बार नए चेहरे की तलाश में है. जो उनकी परेशानियों को समझ सकें और उनके मुद्दों को समझ सकें. ये युवा किस नेता या विचार को अपनी पहली पसंद बनाएंगे. ये देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा. क्या युवा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय नेतृत्व और विकास पर भरोसा करेंगे या फिर तेजस्वी यादव को मौका देंगे.
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NDA की यूथ पॉलिसी
- बेरोज़गार लोगों को दो साल तक 1,000 रुपये प्रतिमाह देने की घोषणा
- बिहार के युवाओं को एक करोड़ नौकरी देने का वादा
- ‘मुद्रा योजना’, ‘डिजिटल इंडिया’ और सरकारी योजनाओं का लाभ
- चिराग पासवान ‘बिहार फर्स्ट’ का ऐलान कर युवाओं को लुभाने में जुटे
तेजस्वी यादव का युवाओं के लिए पॉलिसी
सीएम चेहरा तेजस्वी यादव युवाओं को लुभाने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं. वह कुर्ता-पायजामा छोड़ टी-शर्ट पहने नज़र आते हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस हो या फिर चुनावी जनसभा हर जगह वह युवाओं को लेकर बात करते नजर आते हैं.

