Bihar Election 2025: ‘विधायकों की फैक्टरी’ है बिहार का यह पंचायत, यहां जानिए अब तक कितने बने MLA?

Bihar Chunav 2025: बिहार के सम्सतीपुर जिले का जलालपुर पंचायत पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है. इस पंचायत के लोग सामाजिक और राजनीतिक रूप से जागरूक हैं.

Published by Sohail Rahman

Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है. अलग-अलग पार्टियों की रणनीतियों में बदलान देखने को मिल रहा है. ऐसे में आज हम बिहार के उस पंचायत की बात करेंगे जहां से अब तक 6 विधायक बन चुके हैं. दरअसल, वो पंचायत बिहार के समस्तीपुर ज़िले के मोहिउद्दीन नगर विधानसभा क्षेत्र में स्थित है. जिसका नाम जलालपुर पंचायत है. अन्य पंचायतों की चर्चा आमतौर पर सिर्फ विकास और बुनियादी सुविधाओं के लिए होती है, वहीं जलालपुर पंचायत ने राज्य की राजनीति पर अपनी एक ऐसी छाप छोड़ी है. जिसे नजरअंदाज करना मुश्किल है.

पहली बार कौन बने विधायक?

अब तक आज़ादी के बाद जब बिहार विधानसभा का गठन हुआ, तो इस गांव के निवासी रामरूप राय ने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर विधायक बनकर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. यह तो बस शुरुआत थी, एक ऐसी शुरुआत जिसने इस गांव को और भी राजनीतिक रूप से ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है. और एक ऐसा इतिहास बना दिया है. जिससे देश के हर पंचायत को नाज होगा. जलालपुर पंचायत कोई साधारण पंचायत नहीं है, बल्कि यह एक गौरवशाली स्थान रखती है.

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अब तक कितने विधायक बने?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस पंचायत से अब तक कुल छह विधायक चुने जा चुके हैं. 1952 में रामरूप राय से शुरू हुआ यह सफर 2020 में डॉ. एज्जा यादव के रूप में जारी रहा. रामरूप राय (1952-1957) के बाद, शांति देवी ने कांग्रेस के टिकट पर दो बार (1957-1962 और 1962-1964) जीत हासिल की. इसके बाद प्रेमलता राय ने 1967 में संयुक्त समाजवादी पार्टी के टिकट पर और फिर 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की. जलालपुर की इस गौरवशाली परंपरा को 2015 में राजद के टिकट पर डॉ. एज्जा यादव ने आगे बढ़ाया. ये आंकड़े बताते हैं कि यह पंचायत न केवल नेतृत्व प्रदान करने में सक्षम रही है, बल्कि लंबे समय तक मतदाताओं का विश्वास भी बनाए रखा है.

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सामाजिक आंदोलन में भी अग्रणी है जलालपुर पंचायत

राजनीति में ही नहीं जलालपुर पंचायत सामाजिक आंदोलनों में भी अग्रणी रही है. इस पंचायत के निवासी सामाजिक कार्यकर्ता सुजीत कुमार भगत ने पर्यावरण संरक्षण और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान जैसे अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लिया. उन्होंने जलभराव और सड़क निर्माण जैसे मुद्दों पर गंदे पानी में बैठकर आठ दिनों तक भूख हड़ताल भी की. यह पंचायत युवाओं को न केवल राजनीति में, बल्कि समाज सेवा में भी प्रेरित करती रही है. यहां के लोग राजनीतिक चेतना और सामाजिक जिम्मेदारी, दोनों को गंभीरता से लेते हैं.

कैसा है यहां का समीकरण?

मोहिउद्दीन नगर विधानसभा क्षेत्र की एक विशिष्ट विशेषता यह है कि अब तक यहां से केवल यादव और राजपूत समुदाय के प्रतिनिधि ही विधायक बने हैं. जलालपुर पंचायत की यह राजनीतिक विविधता, जातिगत समीकरणों के समावेश के साथ, इसे चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती है. इसका वोट बैंक हर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाता है। यही कारण है कि सभी प्रमुख राजनीतिक दल इस पंचायत को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ते. 

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