Bihar Chunav: बिहार की राजनीति में जो कभी अकल्पनीय लगता था. छठ पर्व खरना के दिन हकीकत बन गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सारी राजनीतिक कड़वाहटों को दरकिनार करते हुए. केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) अध्यक्ष चिराग पासवान के पटना स्थित आवास पर पहुंचे. यह नजारा इसलिए भी खास था क्योंकि पिछले पांच सालों में नीतीश कुमार पहली बार चिराग पासवान के घर गए थे.
मैं आपसे मिलने आया हूं
जैसे ही मुख्यमंत्री का काफिला चिराग के आवास पर रुका चिराग पासवान खुद दरवाजे पर आकर उनका गर्मजोशी से स्वागत करने लगे और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया. इस गर्मजोशी भरे स्वागत से अभिभूत नीतीश कुमार मुस्कुराए और चिराग से बोले ‘क्या जी, हम तो आपका दर्शन करने के लिए चले आए हैं. यह एक वाक्य बिहार की राजनीति में बदलते समीकरणों की पूरी कहानी बयां कर गया.
चिराग ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया
चिराग ने भी सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए लिखा “माननीय मुख्यमंत्री जी, आज मेरे आवास पर आने और खरना का प्रसाद ग्रहण करने के लिए आपका धन्यवाद. मेरे परिवारजनों से मिलने और मुझे छठ पर्व की शुभकामनाएं देने के लिए हृदय से आभार.”
विवाद से सौहार्द का सफर
यह मुलाक़ात इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद से नीतीश कुमार और चिराग पासवान के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण रहे है. खुद को “मोदी का हनुमान” बताते हुए चिराग ने नीतीश कुमार के ख़िलाफ ज़ोरदार प्रचार किया और कई सीटों पर जेडीयू को भारी नुकसान पहुंंचाया. तब से दोनों नेताओं के बीच की कड़वाहट सार्वजनिक मंचों पर भी साफ दिखाई देती रही है. हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद जब चिराग केंद्र में मंत्री बने और एनडीए की बैठकों का सिलसिला शुरू हुआ. तो उनके रिश्तों में जमी बर्फ़ पिघलने लगी. हाल ही में चिराग ने एक चुनावी मंच पर नीतीश कुमार के पैर छुए और आज की मुलाक़ात एनडीए की एकजुटता की पुष्टि करती दिख रही है.
चुनावी मौसम में बैठक का महत्व
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच हुई इस बैठक का गहरा राजनीतिक महत्व है. यह न केवल एनडीए के भीतर “सब ठीक है” का संदेश देती है, बल्कि महागठबंधन के लिए भी एक बड़ा संकेत है. यह बैठक दर्शाती है कि एनडीए पिछले मतभेदों को भुलाकर पूरी तरह एकजुट है और नीतीश कुमार ही गठबंधन का सर्वमान्य चेहरा हैं. जैसा कि चिराग पासवान पहले ही घोषित कर चुके है. खरना प्रसाद ने न केवल दोनों नेताओं के बीच की कड़वाहट को कम किया है. बल्कि बिहार के चुनावी माहौल में एक नई गर्माहट भी ला दी है.

