Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों वाले दिन टीवी चैनलों पर राजनीतिक मुद्दों पर बोलते हुए अभिनेत्री नीतू चंद्रा का एक वीडियो सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें बिहार में मतदाता जागरूकता के लिए स्वीप आइकन के पद से हटा दिया है.
नियुक्त किया था ब्रांड एंबेसडर
आयोग ने मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने हेतु स्वीप आइकन के नाम से नीतू चंद्रा, पंकज झा, चंदन राय और क्रांति प्रकाश को ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया था. नतीजों वाले दिन नीतू चंद्रा एक न्यूज़ चैनल पर जंगल राज की बात करती नज़र आईं.
चुनाव आयोग ने बताई पीछे की वजह
नीतू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गृह मंत्री अमित शाह की भी तारीफ की और बिहार में विकास के डबल इंजन का बखान किया. उन्हें हटाने वाले पत्र में आयोग ने कहा कि इससे चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठ सकते हैं.
18 ज़िलों में जागरूकता कार्यक्रमों में लिया हिस्सा
स्वीप आइकन के तौर पर नीतू चंद्रा ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग की ओर से 18 ज़िलों में विभिन्न जन जागरूकता कार्यक्रमों में हिस्सा लिया.
बता दें कि इस बार बिहार में रिकॉर्ड मतदान हुआ. आजादी के बास से पहली बार चुनावी राज्य में 67.13 प्रतिशत मतदान हुआ.1951 के बाद से मतदान प्रतिशत इतना ज़्यादा कभी नहीं रहा था.पुरुषों ने 62.98 प्रतिशत वोट डाले, जबकि महिलाओं ने 71.78 प्रतिशत यानी नौ गुना ज़्यादा.
नीतू ने क्या कहा?
चुनाव आयोग की आइकॉन नीतू चंद्रा मोदी, नीतीश, डबल इंजन और जंगल राज के बारे में बात करती नज़र आईं. नीतू चंद्रा ने एक टीवी चैनल पर लालू यादव और राबड़ी देवी के बिहार शासन के दिनों को याद किया, जब उन्हें बाहर न निकलने की चेतावनी दी जाती थी, शाम 5 बजे तक घर लौटने की सलाह दी जाती थी और अपहरण की घटनाएं होती थीं. भाजपा और एनडीए दल इस दौर को जंगल राज कहते हैं. मतदान प्रतिशत बढ़ने का कारण पूछे जाने पर, नीतू चंद्रा ने जंगल राज का ज़िक्र किया और कहा कि लोग इसके आतंक से तनाव में थे. उन्होंने पिछले 20 वर्षों में बिहार में हुए विकास और बदलाव के बारे में भी बात की और कहा कि नीतीश कुमार ने महिलाओं के दिलों में जगह बना ली है.

