IDBI Bank: आईडीबीआई बैंक को बेचने की बातचीत पिछले तीन सालों से चल रही थी, लेकिन अब इसने ज़ोर पकड़ लिया है। सरकार की ओर से खबर है कि इस साल की तीसरी तिमाही में बैंक को खरीदने के लिए बोलियाँ आमंत्रित की जा सकती हैं। यह एक बड़ा कदम है, क्योंकि इससे बैंक को बेचने की प्रक्रिया में तेज़ी आएगी।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, दीपम सचिव अरुणीश चावला ने कहा कि बैंक को खरीदने में रुचि दिखाने वालों से बातचीत पूरी हो गई है। अब आगे का काम, यानी वित्तीय बोलियाँ आमंत्रित करने का काम शुरू किया जाएगा। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो मार्च 2026 तक यह तय हो जाएगा कि बैंक को कौन खरीदेगा। यह पहली बार है कि सरकार किसी ऐसे बैंक को बेच रही है जिसमें उसकी और उसकी संस्था एलआईसी की भी बड़ी हिस्सेदारी है।
सरकार और एलआईसी कितनी हिस्सेदारी बेच रही हैं?
इस बिक्री में सरकार और एलआईसी मिलकर अपनी 60.72% हिस्सेदारी बेच रही हैं। इसमें सरकार की 30.48% और एलआईसी की 30.24% हिस्सेदारी शामिल है। इस बिक्री के बाद, नए खरीदार को बैंक के सभी संचालन और निर्णय लेने के अधिकार मिल जाएँगे।
इस मामले में अब तक जो हुआ है, उसकी बात करें तो अक्टूबर 2022 में बैंक को खरीदने के इच्छुक लोगों से आवेदन मांगे गए थे। कई लोगों ने रुचि दिखाई। इसके बाद, संभावित खरीदारों को गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंज़ूरी और RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) से भी मंज़ूरी मिल गई है कि वे बैंक को खरीदने के लिए सही हैं। इन मंज़ूरियों के बाद ही अब बोलियाँ आमंत्रित की जा रही हैं।
भविष्य की क्या योजनाएँ हैं?
IDBI बैंक के अलावा, सरकार LIC और अन्य सरकारी वित्तीय संस्थानों में भी अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। सचिव ने बताया कि इसके लिए सलाहकार नियुक्त किए जा चुके हैं और ये काम भी अगले तीन सालों में किया जा सकता है।

