Gold : 2025 में सोने की चमक फिर से लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है. इस साल सोने की कीमतों में लगभग 61% की वृद्धि हुई है और ये ₹1.5 लाख से ₹2 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं. ऐसे में पारंपरिक तरीके जैसे जेवरात खरीदने के बजाय निवेशक अब डिजिटल ऑप्शन की ओर रुख कर रहे हैं. खासतौर पर, गोल्ड ईटीएफ (Exchange Traded Funds) और गोल्ड फंड ऑफ फंड्स (FoFs) में निवेश तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन सही विकल्प चुनना बहुत जरूरी है.
सोना क्यों बना निवेशकों की पहली पसंद?
वैश्विक अस्थिरता और अनिश्चितता के बीच, सोना एक सेफ बचत ऑप्शन के रूप में उभरा है. ये न केवल पारंपरिक रूप से पूंजी की सुरक्षा करता है, बल्कि ये महंगाई और बाजार के उतार-चढ़ाव से भी बचाव करता है.
परंपरागत तौर पर, लोग जेवरात और सिक्कों में सोना खरीदते थे. मगर अब डिजिटल गोल्ड निवेश जैसे गोल्ड ईटीएफ और फंड ऑफ फंड्स ने सोने को निवेश के लिए आसान और सस्ता बना दिया है.
गोल्ड ईटीएफ क्या है?
गोल्ड ईटीएफ एक प्रकार का म्यूचुअल फंड होता है जो सीधे 99.5% शुद्ध सोने में निवेश करता है. हर ईटीएफ यूनिट लगभग 0.01 ग्राम सोने के बराबर होती है और ये स्टॉक एक्सचेंज पर शेयरों की तरह ट्रेड होती है.
गोल्ड ईटीएफ के फायदे:
आपको डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है.
कोई मेकिंग चार्ज या जीएसटी नहीं लगता.
बाजार आधारित रियल टाइम प्राइस पर खरीदारी होती है.
पारंपरिक जेवरात के मुकाबले ये अधिक तरल और सस्ते होते हैं.
भारत में प्रमुख गोल्ड ईटीएफ्स में शामिल हैं: निप्पॉन इंडिया गोल्ड ईटीएफ, एसबीआई गोल्ड ईटीएफ, एचडीएफसी गोल्ड ईटीएफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल गोल्ड ईटीएफ आदि.
गोल्ड फंड ऑफ फंड्स (FoFs) क्या होते हैं?
अगर आपके पास डिमैट अकाउंट नहीं है तो गोल्ड फंड ऑफ फंड्स आपके लिए बेहतर ऑप्शन हो सकता है. ये म्यूचुअल फंड गोल्ड ईटीएफ में निवेश करता है, जिससे आपको अप्रत्यक्ष रूप से सोने का एक्सपोजर मिलता है.
गोल्ड FoFs के फायदे:
डिमैट अकाउंट की जरूरत नहीं.
SIP के जरिए आसानी से निवेश किया जा सकता है.
शुरुआती निवेशकों के लिए उपयुक्त.
हालांकि, इनमें खर्च कुछ अधिक होता है क्योंकि ये ईटीएफ में निवेश करते हैं.
सही गोल्ड ईटीएफ या FoF कैसे चुनें?
वित्तीय विशेषज्ञ विजय माहेश्वरी के अनुसार, तीन मुख्य बिंदुओं पर ध्यान दें:
1. एक्सपेंस रेशियो: कम खर्च बेहतर होता है (आमतौर पर 0.30% से 0.80% तक).
2. लिक्विडिटी: अधिक ट्रेडिंग वॉल्यूम से खरीद-फरोख्त आसान होती है.
3. ट्रैकिंग एरर: जितना कम होगा, ईटीएफ उतनी ही सही कीमत पर सोने को फॉलो करेगा.
निवेश के लिए टिप्स
सोने में निवेश अब भी फायदेमंद हो सकता है, लेकिन कीमतें ऊंची होने के कारण एक बार में बड़ा निवेश करने से बचें. मासिक एसआईपी के जरिए धीरे-धीरे निवेश करना बेहतर होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि कुल निवेश का केवल 5-10% हिस्सा ही सोने में लगाना चाहिए क्योंकि ये कमाई बढ़ाने का साधन नहीं बल्कि बाजार के जोखिम से बचाव का जरिया है.

