EPFO News Updates: EPFO को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, EPFO की अगली बैठक में ईपीएफ और ईपीएस में शामिल होने के लिए न्यूनतम ₹15,000 की सीमा बढ़ाने पर चर्चा होने की संभावना है. जानकारी के मुताबिक इन योजनाओं में शामिल होने के लिए अनिवार्य वेतन सीमा को बढ़ाकर ₹25,000 प्रति माह किया जा सकता है. अगर यह फैसला होता है, तो 1 करोड़ से ज़्यादा कर्मचारियों को इसका फ़ायदा भी हो सकता है. वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की अगली बैठक दिसंबर या जनवरी में होगी, जहाँ इस पर फ़ैसला लिया जाएगा.
वेतन सीमा मर होगी बढ़ोतरी?
केवल वे कर्मचारी जिनका मूल वेतन वर्तमान में ₹15,000 है, EPS और EPF के अंतर्गत आते हैं. इससे अधिक वेतन पाने वालों के पास इससे बाहर निकलने का विकल्प है. 2014 के बाद यह पहली बार होगा जब वेतन सीमा के प्रस्ताव पर चर्चा होगी. मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया है कि EPF और EPS योजनाओं के लिए वेतन सीमा ₹10,000 तक बढ़ाई जा सकती है. इससे 1 करोड़ अतिरिक्त कर्मचारियों को लाभ होगा.
क्यों बदला जा रहा नियम ?
ईपीएफओ वर्तमान में 7.6 करोड़ सक्रिय सदस्यों के साथ ₹26 लाख करोड़ के कोष का प्रबंधन करता है. विशेषज्ञ इस संभावित कदम का स्वागत कर रहे हैं और उनका मानना है कि इससे बदलती आर्थिक अनिश्चितता के बीच वित्तीय स्थिरता आएगी. मौजूदा नियमों के तहत, कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों ही कर्मचारी के वेतन का 12-12 प्रतिशत योगदान करते हैं। कर्मचारी का 12 प्रतिशत योगदान सीधे ईपीएफ खाते में जाता है। नियोक्ता का योगदान ईपीएफ का 3.67 प्रतिशत और ईपीएस का 8.33 प्रतिशत होता है।
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