Average Minimum Balance Charges: कई लोगों की समस्या होती है कि खाते में पैसे न होने पर बैंक द्वारा औसत न्यूनतम बैलेंस चार्ज काट लिया जाता है। लेकिन अब बचत खातों के ग्राहकों को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। हाल ही में, एसबीआई समेत 5 बड़े बैंकों ने औसत मासिक बैलेंस के रूप में लगने वाले चार्ज को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। यानी अब अगर आपका खाता खाली भी रहता है, तो बैंक द्वारा कोई चार्ज नहीं काटा जाएगा। आइए जानते हैं कि अब किन बैंकों ने न्यूनतम बैलेंस चार्ज खत्म कर दिया है-
1-इंडियन बैंक
इंडियन बैंक ने अपने न्यूनतम बैलेंस चार्ज को पूरी तरह से खत्म करने की घोषणा की है। 7 जुलाई, 2025 से सभी प्रकार के बचत खातों पर औसत न्यूनतम बैलेंस चार्ज खत्म कर दिया गया है।
2-केनरा बैंक
केनरा बैंक ने इसी साल मई महीने में ही नियमित बचत खातों सहित सभी प्रकार के बचत खातों पर न्यूनतम बैलेंस चार्ज खत्म कर दिया है। इनमें वेतन और एनआरआई बचत खाते भी शामिल हैं।
3-पीएनबी
पंजाब नेशनल बैंक ने भी सभी प्रकार के बचत खातों पर न्यूनतम औसत शेष राशि शुल्क समाप्त करके अपने ग्राहकों को राहत दी है।
4-भारतीय स्टेट बैंक
2020 से औसत न्यूनतम शेष राशि वसूलने वाले भारतीय स्टेट बैंक ने भी अब इसे समाप्त कर दिया है। यानी अब बचत खाते पर न्यूनतम शेष राशि की शर्तें पूरी न होने पर भी कोई शुल्क नहीं लगेगा।
5-बैंक ऑफ बड़ौदा
बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी न्यूनतम शेष राशि की शर्तें पूरी न करने पर बैंक ग्राहकों से कोई शुल्क नहीं लेने का फैसला किया है। बैंक ऑफ इंडिया की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह बदलाव बदलते बाजार हालात और वित्तीय लचीलेपन को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है।
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आखिर न्यूनतम शेष राशि क्या है?
न्यूनतम शेष राशि (AMB) वह न्यूनतम राशि है जो एक ग्राहक को एक महीने के दौरान अपने बैंक खाते में औसतन रखनी होती है। यदि खाते में शेष राशि इस निर्धारित राशि से कम हो जाती है, तो बैंक ग्राहक पर न्यूनतम शेष राशि (AMB) न रखने पर जुर्माना लगाता है। यह जुर्माना बैंक और खाते के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होता है। अब इन चारों बैंकों ने इस शर्त को हटाकर ग्राहकों को बड़ी राहत दी है।
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