Vastu Tips: किसी भी घर में खुली हवा और प्राकृतिक प्रकाश का होना बेहद आवश्यक है. जब भी आप नया घर बनवाते हैं या खरीदते हैं, तो वेंटिलेशन यानी हवा के आवागमन पर विशेष ध्यान देना चाहिए. क्रॉस वेंटिलेशन होने से एक ओर से ताजी हवा अंदर आती है और दूसरी ओर से निकल जाती है. इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा स्वतः बाहर निकल जाती है. परिणामस्वरूप, घर के सभी सदस्य स्वस्थ, प्रसन्न और ऊर्जावान बने रहते हैं. चलिए जानते हैं क्या कहना है Pandit Shashishekhar Tripathi का
किस दिशा में बनाएं खिड़कियां और रोशनदान
प्राकृतिक रोशनी और ताजी हवा के प्रवेश के लिए उत्तर-पश्चिम (वायव्य) दिशा में खिड़कियां और रोशनदान बनाना शुभ माना जाता है. खिड़कियां हमेशा दरवाजों के विपरीत दिशा में होनी चाहिए ताकि हवा का प्रवाह बाधित न हो. ध्यान रखें कि दक्षिण-पश्चिम दिशा में खिड़कियां बनाना अशुभ होता है. इस दिशा में खिड़कियां लगाने से घर में स्थिरता और ऊर्जा का प्रवाह प्रभावित होता है.
मुख्य द्वार की सही दिशा
घर का मुख्य द्वार वास्तु में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है. यह हमेशा उत्तर, उत्तर-पूर्व, पूर्व या पश्चिम दिशा में होना चाहिए. मुख्य द्वार यदि दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में हो, तो यह वास्तु के दृष्टिकोण से अशुभ फल दे सकता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश करवा सकता है.
अव्यवस्था से बचें और ऊर्जा का बनाए रखें संतुलन
कई बार घर में सब कुछ सही दिशा में होने के बावजूद सामान के अव्यवस्थित होने से वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है. अव्यवस्था से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बाधित होता है और मानसिक तनाव बढ़ता है. इसलिए, घर के पश्चिम दिशा को सदैव स्वच्छ और व्यवस्थित रखें. पूर्व दिशा में भारी सामान रखना वास्तु दोष उत्पन्न करता है, जिससे शांति और संतुलन पर नकारात्मक असर पड़ता है.

