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ट्रंप और नेतन्याहु को मिलेगी रूह कंपा देने वाली सजा? ईरान ने जारी किया फतवा, देख मुसलमान भी दंग

ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक ग्रैंड अयातुल्ला नासर मकरम शिराजी ने डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ फतवा जारी किया है।

By: Divyanshi Singh | Published: June 30, 2025 9:30:23 AM IST



Israel-Iran War: ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘खुदा का दुश्मन’ बताया है। ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक ग्रैंड अयातुल्ला नासर मकरम शिराजी ने डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ फतवा जारी किया है। इसमें उन्हें ‘खुदा के दुश्मन’ बताया गया है और दुनिया भर के मुसलमानों से कार्रवाई करने का आह्वान किया गया है।फतवे में कहा गया है कि जो कोई भी इस्लामिक उम्माह यानी समुदाय के नेतृत्व और अधिकार को धमकाता है या हमला करता है, उसे ‘युद्ध अपराधी’ या ‘मोहरेब का अपराधी’  माना जाता है। यह शब्द ईरान के दंड संहिता में उस व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो ईश्वर के खिलाफ युद्ध छेड़ता है।

फतवे में क्या है?

अयातुल्ला मकरम ने कहा कि मुसलमानों के लिए ऐसे लोगों का समर्थन या सहयोग करना हराम है। उन्होंने दुनिया भर के मुसलमानों से ट्रंप और नेतन्याहू को ‘अपने शब्दों और गलतियों का पश्चाताप’ करवाने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि अगर उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, तो उन्हें ‘मुजाहिद फी सबीलिल्लाह’ यानी ईश्वर की राह में योद्धा के तौर पर पुरस्कृत किया जाएगा।

सजा का प्रावधान

फतवे में कहा गया है, ‘ईश्वर इस्लामी समुदाय को दुश्मनों की बुराई से बचाए और युग और समय के भगवान के प्रकट होने में तेजी लाए। ईरान के इस्लामी दंड संहिता के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति मोहरेब साबित होता है, तो उसे फांसी, सूली पर चढ़ाने, दाहिना हाथ और बायां पैर काटने या निर्वासन जैसी कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है। 

इजरायल ईरान जंग

इसका मतलब है कि ट्रंप और नेतन्याहू को भी ऐसी सजा का प्रावधान किया जाएगा। दरअसल, यह फतवा ईरान, अमेरिका और इजरायल के बीच दुश्मनी के बाद आया है। 13 जून को इजरायल और अमेरिका ने ईरान के परमाणु और सैन्य स्थलों पर हवाई हमले किए थे। इजरायल के हमलों में ईरान को काफी नुकसान हुआ और उसके कई वरिष्ठ कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। हालांकि, ईरान ने भी इजरायल के हमलों का जवाब बैलिस्टिक मिसाइलों से दिया। इसके बाद अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया। ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन बाद युद्ध खत्म हुआ।

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