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Saudi arabia death penalty:मानवाधिकार परिषद (HRC) के 59वें सत्र में ईरान में फांसी की बढ़ती घटनाओं की रिपोर्ट पर चिंता जताई गई थी। लेकिन अब एक नई रिपोर्ट में फांसी के मामले में सऊदी सबसे आगे नजर आ रहा है।संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, ईरान ने 2024 में 975 लोगों को मौत की सजा सुनाई थी। सोमवार को जारी एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सऊदी अरब में मौत की सजा की संख्या में चौंकाने वाली वृद्धि पाई है, जिसमें कई विदेशी नागरिक भी शामिल हैं, जिन्हें ड्रग से जुड़े अपराधों में दोषी ठहराया गया था।
1,816 लोगों को मौत की सजा
जनवरी 2014 से जून 2025 के बीच सऊदी अरब ने 1,816 लोगों को मौत की सजा सुनाई। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि ड्रग से जुड़े अपराधों के लिए लगभग हर तीन में से एक व्यक्ति को मौत की सजा दी गई और उनमें से 75 फीसदी विदेशी नागरिक थे।
सऊदी अरब ने अकेले जून 2025 में 46 लोगों को मौत की सज़ा सुनाई है, जिनमें से 37 को ड्रग से जुड़े अपराधों के लिए सज़ा सुनाई गई है। एमनेस्टी ने कहा कि औसतन प्रतिदिन एक से ज़्यादा ड्रग से जुड़े मामलों में मौत की सज़ा सुनाई गई है, जिनमें से 34 विदेशी नागरिक थे।
मौत की सज़ा में तेज़ी से इज़ाफ़ा
नॉर्वे स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स (IHRNGO) के अनुसार, 2025 के पहले चार महीनों में ईरान में कम से कम 343 लोगों को मौत की सज़ा सुनाई गई है। 2024 की इसी अवधि की तुलना में इसमें 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जब इन 4 महीनों में 195 लोगों को मौत की सज़ा सुनाई गई थी। अकेले अप्रैल में कम से कम 110 लोगों को फांसी दी गई, जो इस साल अब तक का सबसे ज़्यादा मासिक योग है।
ईरान ने जून के आखिर में कई इज़राइली लोगों को भी फांसी दी। सटीक आंकड़े अभी आने बाकी हैं, लेकिन दोनों खाड़ी देश फांसी के मामले में शीर्ष पर बने हुए हैं।