US On Pakistan Terrorism: आतंकवाद को लेकर अमेरिका की दोहरी नीति एक बार फिर सामने आई है। दरअसल, अमेरिका ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को नार्को टेररिस्ट बताते हुए उन्हें ड्रग कार्टेल का मुखिया बताया है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने X पर पोस्ट किया कि मादुरो वेनेजुएला के राष्ट्रपति नहीं हैं और उनका शासन वैध सरकार नहीं है। मादुरो एक नार्को-आतंकवादी संगठन कार्टेल डे लॉस सोल्स का मुखिया है, जिसने एक देश पर कब्ज़ा कर लिया है। और अमेरिका में ड्रग्स भेजने के आरोप में उसके खिलाफ मुकदमा भी चल रहा है।
लेकिन मार्को रुबियो के इस बयान के बाद दुनिया के सामने अमेरिका का दोहरा रवैया सामने आ गया है कि वह कैसे अपनी मनमानी करता है। एक तरफ अमेरिका मादुरो को आतंकवादी बता रहा है, वहीं दूसरी तरफ वह आतंकवादियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान पर चुप है।
आतंक को लेकर PAK पर शांत US
पाकिस्तानी सरकार और सेना शुरू से ही हिज़्बुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों को पालती-पोसती रही है। भारत ने कई बार अमेरिका और दुनिया के सामने इसके सबूत पेश किए हैं। इसके बावजूद, अमेरिका पाकिस्तान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
भारत में कई आतंकवादी हमलों को अंजाम देने वाले खूंखार आतंकवादी हाफिज सईद और मसूद अजहर पाकिस्तान में आराम से मौज-मस्ती कर रहे हैं, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि सभी प्रकार के आतंकवाद को लेकर अमेरिका की यह दोहरी नीति कहाँ तक जायज है?
इशाक डार और मार्को रुबियो की मुलाकात
इस शुक्रवार (25 जुलाई, 2025) अमेरिका में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की। वाशिंगटन में हुई इस बैठक का मकसद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना रहा।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने बैठक के बाद जारी बयान में कहा कि, उन्होंने इशाक डार का आतंकवाद के खिलाफ साझेदारी और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। इसके अलावा दोनों नेताओं ने आपसी व्यापार को बढ़ाने और खनिज क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा की। लेकिन आतंक के खिलाफ यहां पर भी अमेरिका शांत रहा।

