US Nuclear Weapons: दुनिया में 1990 के दशक में चल रही परमाणु हथियारों की होड़ धीरे-धीरे खत्म हो गई थी, लेकिन अब यह फिर से शुरू होती दिख रही है. जो देश कभी परमाणु निरस्त्रीकरण की वकालत करते थे, वे अब अपने शस्त्रागार बढ़ाने की बात कर रहे हैं.
हैरानी की बात यह है कि इसमें सबसे ज़्यादा हथियारों वाला देश अमेरिका भी शामिल है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाल ही में परमाणु परीक्षण की घोषणा करके दुनिया को चौंका दिया.
आपको बहुत जल्द पता चल जाएगा…
जब पत्रकारों ने ट्रंप से पूछा कि क्या अमेरिका वाकई भूमिगत परमाणु विस्फोट करने की योजना बना रहा है, तो उन्होंने कहा, “आपको बहुत जल्द पता चल जाएगा.” अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा, “हम कुछ परीक्षण करने वाले हैं. दूसरे देश भी ऐसा कर रहे हैं, इसलिए अगर वे ऐसा करते हैं, तो हम भी करेंगे.”
क्या है ट्रंप के बयान का मतलब?
हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये परीक्षण मिसाइलों के होंगे या परमाणु हथियारों के. सोशल मीडिया पर ट्रंप के एक हालिया पोस्ट ने अटकलों को हवा दी कि अमेरिका लगभग 30 साल बाद फिर से परमाणु हथियारों का परीक्षण कर सकता है. उन्होंने इसका सीधे तौर पर खंडन नहीं किया.
अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने भी शुक्रवार को इस मुद्दे पर कोई और जानकारी नहीं दी, लेकिन उन्होंने कहा, “अगर हम परीक्षण फिर से शुरू करते हैं, तो यह एक जिम्मेदाराना कदम होगा.” उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति का लक्ष्य एक विश्वसनीय परमाणु निवारक क्षमता बनाए रखना है.
1992 के बाद से कोई परमाणु परीक्षण नहीं
ट्रंप के इस बयान से न केवल अमेरिका के भीतर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है, क्योंकि अमेरिका ने 1992 के बाद से कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया है. हालांकि अमेरिका ने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) पर हस्ताक्षर तो कर दिए हैं, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है.
रूस की अमेरिका को चेतावनी
रूस ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने परमाणु परीक्षण फिर से शुरू किया, तो वह भी ऐसा ही करेगा, जिससे शीत युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो सकती है.

