Pakistan kahuta nuclear plant: पाकिस्तान न्यूनतम परमाणु प्रतिरोध के लिए अपनी आवश्यकताओं से अधिक परमाणु ईंधन एकत्र कर रहा है। इस बात का खुलासा भारतीय सेना के सेवानिवृत्त कर्नल विनायक भट्ट ने किया है। उन्होंने सैटेलाइट इमेजरी के आधार पर बताया है कि पाकिस्तान कहुटा में परमाणु ईंधन संवर्धन के लिए काम कर रहा है। इसका मतलब है कि पाकिस्तान तेजी से परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के पास इस समय करीब 170 परमाणु हथियार हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों का भंडार बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।
कर्नल विनायक भट्ट ने क्या लिखा
कर्नल विनायक भट्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सैटेलाइट तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “आतंकवादी देश पाकिस्तान न्यूनतम परमाणु प्रतिरोध के लिए अपनी आवश्यकताओं से अधिक परमाणु ईंधन एकत्र कर रहा है। केआरएल कहुटा में हस्ताक्षर इस बात का स्पष्ट संकेत देते हैं कि पाकिस्तान ने अतिरिक्त परमाणु हथियारों के लिए ईंधन के संवर्धन और उत्पादन को बढ़ाने के लिए सभी उपकरणों और इमारतों को अपग्रेड किया है।”
कर्नल विनायक भट्ट के बारे में जानिए
कर्नल (सेवानिवृत्त) विनायक भट्ट ने भारतीय सेना में 33 साल तक सेवा की है। इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के ऊंचे पहाड़ी इलाकों में अपनी सेवाएं दी हैं। वे दो दशकों से भी ज़्यादा समय से सैटेलाइट इमेज का विश्लेषण भी कर रहे हैं। कर्नल विनायक भट्ट पाकिस्तान के गुप्त परमाणु कार्यक्रम के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कैराना हिल्स में पाकिस्तान के गुप्त परमाणु अड्डे के बारे में विस्तृत जानकारी सार्वजनिक की थी। यह वही जगह है जहाँ भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सटीक मिसाइल हमले किए थे।
पाकिस्तान के कितनी है परमाणु ताकत
पाकिस्तान के पास दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा परमाणु शस्त्रागार है। आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के अनुसार, पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियार होने का अनुमान है। सेंटर फॉर आर्म्स कंट्रोल एंड नॉन-प्रोलिफ़रेशन के अनुसार, यह संख्या लगातार बढ़ रही है और पाकिस्तान द्वारा अपने परमाणु शस्त्रागार के आधुनिकीकरण और विस्तार के साथ इसमें और वृद्धि होने की उम्मीद है। कुछ अनुमान बताते हैं कि 2025 तक पाकिस्तान का शस्त्रागार 220-250 हथियारों तक पहुँच सकता है। पाकिस्तान परमाणु हमले के लिए कई तरह की डिलीवरी सिस्टम का इस्तेमाल कर सकता है, जिसमें विमान, ज़मीन पर आधारित मिसाइल और संभवतः पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली क्रूज मिसाइलें शामिल हैं।

