Iran Israel Conflict: ईरान-इजरायल के बीच चल रही जंग की आंच अब खाड़ी देशों को अपनी चपेट में लेने के लिए तैयार है। मीडिया सूत्रों के मताबिक कतर में एयरबेस पर हमले के बाद सऊदी अरब को भी डर है कि कहीं उस पर भी मिसाइल दागी न जाए। इसीलिए अरब ने अमेरिकी THAAD मिसाइल डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया है। खुद सऊदी अरब के रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है।
टीवी 9 की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों से चल रहे युद्ध में संघर्ष विराम हो गया है, लेकिन दोनों देशों के पड़ोसी देशों के साथ-साथ खाड़ी देश भी डरे हुए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस युद्ध में अमेरिका भी शामिल हो गया। ईरान ने इसका जवाब कतर में अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइल दागकर दिया। अब सऊदी में THAAD को एक्टिवेट करने के पीछे भी यही वजह मानी जा रही है। दरअसल, कतर, कुवैत, जॉर्डन, बहरीन और सऊदी अरब जैसे खाड़ी देशों में अमेरिकी एयरबेस हैं। हालांकि, ईरान का सऊदी से भी पुराना विवाद है, जिसकी वजह से सऊदी को हमले का डर है।
बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में सक्षम THAAD
सऊदी अरब के रक्षा मंत्रालय ने देश में अमेरिकी THAAD मिसाइल डिफेंस सिस्टम के एक समूह को एक्टिवेट करने की घोषणा की है। मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, अमेरिका निर्मित टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) की तैनाती छोटी और मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए की गई है। सऊदी अरब में आयोजित प्रशिक्षण के बाद जेद्दा प्रांत में एयर डिफेंस फोर्स रिसर्च सेंटर में यह समारोह आयोजित किया गया।
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इजरायल भी THAAD प्रणाली पर निर्भर
सऊदी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य देश की वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना और अपने रणनीतिक क्षेत्रों की रक्षा करना है। इस बीच, अमेरिकी पत्रिका न्यूजवीक ने बताया कि ईरान और यमन से जवाबी हमलों से बचाव के लिए इजरायल भी THAAD प्रणाली पर निर्भर है। न्यूजवीक ने यह भी खुलासा किया कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने मिसाइल हमलों की लहर के खिलाफ तेल अवीव का समर्थन करने के अपने हालिया प्रयासों में अपने THAAD मिसाइल भंडार का लगभग 20% खर्च किया है।