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कौन है वो शख्स जिसके लिए नेतन्याहू ने कतर पर करवाया हमला? नाम सुन ट्रंप भी रह गए हैरान

Israel Strike on Doha: इज़राइल ने मंगलवार को कतर की राजधानी दोहा पर हमला कर दिया।

Published by Divyanshi Singh

Israel Attack on Qatar: ना ईरान ना गाजा इस बार इजरायल ने जीस देश पर हमला किया है उस देश का नाम किसी मे सपने में भी नहीम सोचा होगा। इज़राइल ने मंगलवार को कतर की राजधानी दोहा पर हमला कर दिया।  इस हमले का निशाना हमास का सबसे अहम निशाना वरिष्ठ हमास नेता खलील अल-हय्या थे, जो संगठन की रणनीतिक और राजनीतिक दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इज़राइली अधिकारियों ने पुष्टि की है कि हमले में अल-हय्या समेत अन्य प्रमुख नेता भी निशाने पर थे, लेकिन दोहा में मौजूद हमास वार्ता दल इस हमले में सुरक्षित बच निकलने में कामयाब रहा।

हमास का सबसे प्रभावशाली नेता

पिछले साल हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनिया और गाजा प्रमुख याह्या सिनवार की मौत के बाद अल-हय्या की ज़िम्मेदारियां बढ़ गईं। जिसके बाद संगठन ने पांच सदस्यीय नेतृत्व परिषद का गठन किया जिसमें अल-हय्या को प्रमुख स्थान मिला। आज उन्हें हमास का सबसे प्रभावशाली नेता माना जाता है। जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठन की आवाज़ बन चुके हैं। 1

गाजा पट्टी में हुआ जन्म

960 में गाजा पट्टी में जन्मे खलील अल-हय्या ने अपने जीवन में काफ़ी संघर्ष देखा। इज़राइली हमलों के दौरान अपनों को खोने का गहरा दर्द उन्होंने झेला। इन हमलों में उनके बड़े बेटे ओसामा, बहू और छोटे पोते-पोतियों की मौत हो गई। उनके परिवार को भारी नुकसान हुआ, खासकर 2007 और 2014 के गाजा युद्धों में। अल-हय्या को इज़राइली सुरक्षा बलों ने कई बार हिरासत में लिया।

राजनीतिक यात्रा

बता दें कि अल-हय्या ने 1980 के दशक की शुरुआत में मुस्लिम ब्रदरहुड में शामिल होकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। यही संगठन बाद में हमास की नींव बना। इस दौरान उन्होंने इस्माइल हनिया और याह्या सिनवार जैसे नेताओं के साथ मिलकर काम किया।

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हमास के प्रभावशा सदस्य

1987 में हमास द्वारा औपचारिक रूप से अपने अस्तित्व की घोषणा के बाद से अल-हय्या संगठन के एक प्रभावशाली और महत्वपूर्ण सदस्य बने रहे। अल-हय्या ने कुछ साल पहले कतर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। वहां से उन्होंने अरब और इस्लामी देशों के साथ हमास के संबंधों को संभाला। ईरान के साथ उनके मज़बूत संबंध हैं। ईरान हमास को हथियार और वित्तीय सहायता प्रदान करता है। 2014 के युद्ध में इज़राइल और हमास के बीच युद्धविराम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। जुलाई 2024 में जब तेहरान में इस्माइल हनिया की हत्या हुई, तो अल-हय्या भी उनके साथ मौजूद थे।

2022 में अल-हय्या दमिश्क गए उनके वहां जाने का उद्देश्य सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के साथ संबंध सुधारना था। लगभग एक दशक पहले, जब हमास ने असद के विरुद्ध सुन्नी विद्रोह का समर्थन किया था, तब सीरिया के साथ उनके संबंध बिगड़ गए थे।

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7 अक्टूबर के हमले को लेकर कही थी ये बात

7 अक्टूबर 2023 को हुए हमले के बारे में, अल-हय्या ने स्पष्ट किया कि उस हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 250 लोगों का अपहरण किया गया था। हमले का उद्देश्य इज़राइली सैनिकों को बंदी बनाना था ताकि उनके बदले में पकड़े गए फ़िलिस्तीनियों को रिहा किया जा सके। लेकिन हुआ कुछ और ही। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 64,000 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। अल-हय्या के अनुसार, 7 अक्टूबर की कार्रवाई ने फ़िलिस्तीनी मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय एजेंडे में सबसे आगे ला दिया है।

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