Iran Air Defence: जून महीने में इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग से पूरा मीडिल ईस्ट दहल गया था। बची हुई कसर अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी करके पूरी कर दी। इजरायल और ईरान के बीच चली जंग से तेहरान को जान-माल दोनों का काफी नुकसान हुआ। हाल ये था कि इजरायल की तरफ से ईरान पर इतनी मिसाइलें बरसाई गई कि कि वहां पर सब धुआं-धुआं हो गया।
इसके अलावा ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए और इजरायली मिसाइलों का निशाना बन तबाह हो गए। लेकिन इतनी मार खाने के बाद भी तेहरान एक बार फिर खड़ा हो गया है। वो भी पहले से ज्यादा ताकतवर होकर।
ईरान ने बनाए खुद के एयर डिफेंस सिस्टम – रिपोर्ट
दरअसल, ईरान की डेफा प्रेस समाचार एजेंसी के अनुसार, ईरानी सेना के ऑपरेशन डिप्टी महमूद मौसवी ने दावा किया है कि सभी क्षतिग्रस्त वायु रक्षा प्रणालियों को ईरान में निर्मित प्रणालियों से बदल दिया गया है। हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि कुछ प्रणालियाँ क्षतिग्रस्त हुई थीं, लेकिन हमने पहले से सुरक्षित स्थानों पर रखे गए पूर्व-निर्धारित प्रणालियों को तुरंत तैनात कर दिया है। उन्हें और भी शक्तिशाली बनाया गया है।
भारत की राह पर चला ईरान
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जिस तरह भारत तेजी से अपनी सैन्य हथियारों के लिए आत्मनिर्भर बन रहा है। वैसे ही ईरान ने भी विदेशी सहयोग के बिना अपने एयर डिफेंस को आत्मनिर्भरता के दम पर फिर से एक्टिव कर दिया है। तेहरान ने बावर-373 जो कि ईरान का घरेलू रूप से विकसित लॉन्ग-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम है, पहले से ज्यादा
एक्टिव कर दिया है।
ईरानी सेना की तरफ से साफतौर पर कहा गया है कि पिछले एक महीने में किसी भी तरह का विदेशी रक्षा उपकरण आयात नहीं किया गया। यानी यह पूरी प्रक्रिया घरेलू स्तर पर की गई, जो ईरान की सैन्य आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।
इजरायल और ईरान के बीच हुआ सैन्य संघर्ष
पिछले महीने जून में इज़राइल और ईरान के बीच हुए सैन्य संघर्ष में, इज़राइली वायु सेना ने कई ईरानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें कई मिसाइल उत्पादन केंद्र, वायु रक्षा बटालियन और रडार स्टेशन शामिल थे। यह संघर्ष तब और गंभीर हो गया जब ईरान ने इज़राइल की ओर दर्जनों ड्रोन और मिसाइलें दागीं, जिनमें से कई को इज़राइली ‘आयरन डोम’ और ‘डेविड्स स्लिंग’ ने रोक दिया। इस संघर्ष में ईरान की वायु रक्षा प्रणाली को भारी नुकसान हुआ। लेकिन तेहरान ने जिस तरह से जवाबी कार्रवाई की तैयारी की है, उसने इज़राइल और उसके पश्चिमी सहयोगियों को सतर्क कर दिया है।
इतना सब होने के बाद भी, ईरान ने बिना किसी मदद के अपनी वायु रक्षा प्रणाली का पुनर्निर्माण किया है। वह भी इतने कम समय में। तेहरान का संदेश स्पष्ट है कि दुनिया ईरान को कमज़ोर समझने की भूल न करे।

