Uzbekistan News: उज़्बेकिस्तान की सुरक्षा एजेंसी उस समय हैरान रह गई जब उन्हें पता चला कि एक 19 साल की लड़की उनके देश में इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) के लिए 120 से ज़्यादा लोगों का एक संगठित सेल चला रही है। वो भी सिर्फ़ मोबाइल ऐप और सोशल मीडिया के ज़रिए। पुलिस के मुताबिक़, यह लड़की एक धार्मिक स्कूल में पढ़ती है। उज़्बेकिस्तान पुलिस के मुताबिक़, यह नेटवर्क न सिर्फ़ कट्टरपंथी विचारों का प्रसार कर रहा था, बल्कि ऑनलाइन बम बनाने जैसी ख़तरनाक तकनीकों का प्रशिक्षण भी दे रहा था।
छापा मार किया नेटवर्क का भडाफोड़
सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली थी कि मोबाइल नेटवर्किंग के ज़रिए एक नया कट्टरपंथी समूह उभर रहा है। छापेमारी के दौरान दर्जनों मोबाइल फ़ोन, जिहादी साहित्य और संवेदनशील दस्तावेज़ ज़ब्त किए गए। लेकिन असली हैरानी तब हुई जब डिजिटल सबूतों से पता चला कि इस पूरे गिरोह का नेतृत्व एक किशोरी कर रही थी, जिसने कुछ साल पहले इस्तांबुल के एक निजी इस्लामिक स्कूल में पढ़ाई की थी।
उसके विचारों में भारी बदलाव आया और वह सीधे ISKP के संपर्क में आ गई। फिर उसे उज़्बेकिस्तान में एक नया गिरोह बनाने का काम सौंपा गया। एक ऐसा गिरोह जो सुरक्षा एजेंसियों की नज़रों से छिपा रहेगा।
सोशल मीडिया को बनाया हथियार
खबरों के मुताबिक, लड़की ने टेलीग्राम जैसे ऐप्स के ज़रिए धीरे-धीरे 120 लोगों को अपने नेटवर्क में जोड़ा। ये लोग कभी आमने-सामने नहीं मिले, बल्कि मोबाइल पर ट्रेनिंग और संदेशों के ज़रिए आईएसकेपी की विचारधारा का प्रचार करते रहे।
अब तक इस नेटवर्क के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है और बाकी की तलाश जारी है। माना जा रहा है कि इन लोगों को न सिर्फ़ कट्टरपंथी विचार दिए जा रहे थे, बल्कि हथियार और विस्फोटक बनाने की तकनीक भी सिखाई जा रही थी। फ़िलहाल, उस लड़की को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

