Surat house help : आज के दौर में भारत में एक घर खरीदना आम इंसान के लिए किसी सपने से कम नहीं है. बढ़ती महंगाई, आसमान छूते प्रॉपर्टी के दाम और भारी-भरकम ईएमआई ने लोगों को इस सोच तक सीमित कर दिया है कि “घर तो बस सपना ही रह गया है”. लेकिन इस सोच को गलत साबित कर दिखाया है गुजरात के सूरत की एक घरेलू सहायिका (हाउस हेल्प) ने.
सूरत में काम करने वाली एक घरेलू सहायिका ने 60 लाख रुपये का एक 3BHK फ्लैट खरीदकर सबको हैरान कर दिया. सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि उसने इस फ्लैट के लिए सिर्फ 10 लाख रुपये का लोन लिया और बाकी रकम अपनी सेविंग्स और नकद से चुका दी. यही नहीं, उस महिला ने अपने नए घर में 4 लाख रुपये का फर्नीचर भी लगवाया है. इस खबर को सोशल मीडिया पर सबसे पहले नलिनी उणागर नाम की महिला ने X (पहले ट्विटर) पर शेयर किया. नलिनी ने बताया कि जब उनकी कामवाली बाई ने उन्हें यह जानकारी दी, तो वो कुछ देर के लिए चुप रह गईं. ये विश्वास कर पाना मुश्किल था कि एक घरेलू सहायिका इतनी बड़ी खरीददारी कर सकती है.
कैसे किया ये सब मुमकिन?
जब नलिनी ने अपनी हाउस हेल्प से पूछा कि उसने ये सब कैसे कर दिखाया, तो जवाब ने सबको हैरान कर दिया. ये महिला पहले से ही एक दिमागदार निवेशक थी. उसके पास पहले से ही गुजरात के वेलंजा गांव में एक दो मंजिला घर और एक दुकान है, जो वो किराए पर देती है.
यानी वो सिर्फ मेहनती ही नहीं, बल्कि सोच-समझ कर निवेश करने वाली महिला है, जिसे अपनी कमाई को सही जगह लगाना आता है. उसकी बचत करने की आदत, फाइनेंशियल प्लानिंग और धैर्य ने ही उसे इस मुकाम तक पहुंचाया.
सोशल मीडिया पर तारीफों की बौछार
नलिनी की इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी. कई लोगों ने उस घरेलू सहायिका की स्मार्टनेस और वित्तीय समझदारी की तारीफ की. हालांकि कुछ यूजर्स ने ये सवाल भी उठाया कि सूरत में 60 लाख में 3BHK फ्लैट मिलना कैसे संभव है? एक यूजर ने कमेंट किया – “तो आपको 60 लाख में 3BHK मिल गया?” वहीं दूसरे ने लिखा – “सूरत में 3BHK फ्लैट 60 लाख में मिलना कहानी जैसा लगता है.”
लेकिन इन सवालों से ज्यादा चर्चा उस महिला की मेहनत, आत्मविश्वास और दूरदर्शिता की हुई.
क्या सीख मिलती है इस कहानी से?
ये कहानी सिर्फ एक घरेलू सहायिका की नहीं है, ये उन लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो मानते हैं कि सीमित आमदनी में कुछ बड़ा नहीं किया जा सकता.
बचत की आदत और सही निवेश की ताकत क्या होती है, यह इस महिला ने दिखा दिया. ये भी साबित हुआ कि छोटे कदम, अगर लगातार और सही दिशा में उठाए जाएं, तो बहुत बड़ा सपना भी सच हो सकता है. किसी की आर्थिक स्थिति नहीं, बल्कि उसकी सोच, अनुशासन और मेहनत ही उसे आगे बढ़ाती है.

